सदन में गरमाया मुद्दा: झारखंड भवन और गेस्ट हाउस की व्यवस्थाओं की होगी जांच
नेता प्रतिपक्ष ने पिछले पांच वर्षों का रजिस्टर मंगाने की रखी मांग
झारखंड विधानसभा में दिल्ली स्थित झारखंड भवन और ऊर्जा विभाग के गेस्ट हाउस के नियमों पर विपक्ष ने सवाल उठाए। बाबूलाल मरांडी ने रजिस्टर और ठहरने की पूरी सूची सदन के सामने रखने की मांग की। सरकार ने मामले की जांच की बात कही।
रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को विपक्ष ने दिल्ली स्थित झारखंड भवन और ऊर्जा विभाग के गेस्ट हाउस में ठहरने से जुड़े नियमों तथा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाए। इसके साथ ही नल-जल योजना और अबुआ आवास से जुड़े मुद्दे भी सदन में चर्चा का विषय बने।
झारखंड भवन में ठहरने के नियमों पर मरांडी का आरोप

पांच वर्षों का रजिस्टर मांगा गया
मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष से पांच वर्षों का रजिस्टर मंगाने की मांग की, ताकि स्पष्ट हो सके कि झारखंड भवन में वास्तव में कौन-कौन ठहरता रहा है।
ऊर्जा विभाग के गेस्ट हाउस पर भी उठे प्रश्न
मरांडी ने कहा कि दिल्ली स्थित ऊर्जा विभाग के गेस्ट हाउस के लिए राज्य सरकार हर महीने पांच लाख रुपये किराया देती है, जहां आठ स्टाफ तैनात हैं और 4–5 वाहन उपलब्ध हैं। उन्होंने प्रश्न उठाया कि क्या इस गेस्ट हाउस में अब तक कोई विधायक वास्तव में ठहरा भी है या नहीं? इसकी जानकारी के लिए उन्होंने रजिस्टर, ठहरने वालों की सूची, संचालन व्यवस्था, पदस्थ इंचार्ज और आवंटन प्रक्रिया की जानकारी सदन के सामने रखने की मांग की।
सरकार का जवाब: जांच होगी
बाबूलाल मरांडी के सवालों पर संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और सरकार इस पर गंभीरता से कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह का निर्णय कैबिनेट की स्वीकृति के बिना नहीं लिया जा सकता और नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाई गई मांगों की जांच कराई जाएगी।
