Ranchi news: बाबूलाल मारांडी ने सरकार पर साधा निशाना कहा, किसानों को प्रोत्साहित करने के बजाए निराश कर रही सरकार
किसानों के साथ फर्जीवाड़ा किया जा रहा: बाबूलाल मारांडी
बाबूलाल मरांडी ने कहा, अपने वादे के अनुरूप 3200 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीद करे हेमंत सरकार, लोगों को ट्रैफिक के नियमों से से अवगत कराने, हेलमेट पहनने के फायदे, कार चलाते समय सीट बेल्ट का उपयोग करने, वाहन चलाते समय नशा नहीं करने, वाहन चलाते वक्त मोबाइल फोन व दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग नहीं करने, वाहन निर्धारित गति सीमा में चलाने, वाहनों को ओवरटेक नहीं करने के अलावा अन्य कई जानकारी लोगों को दी जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी में किसानों को इंसाफ देने की मांग की। मरांडी आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे, मरांडी ने कहा कि पिछले दो वर्षों के सुखाड़ के बाद राज्य में इस वर्ष धान की अच्छी फसल हुई है।किसानों को अपने मेहनत का अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद राज्य सरकार से थी।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार में शामिल दलों ने चुनाव से पूर्व ₹3200/क्विंटल धान खरीद करने का आश्वासन दिया था। लेकिन राज्य सरकार अपने वादे से उलट गई। आज राज्य में 2300 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीद और 100रुपए बोनस के साथ 2400 रुपए प्रति क्विंटल से खरीद हो रही।राज्य सरकार ने 60 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा है लेकिन स्थिति ऐसी है कि अभी तक पूरी तरह जिलों में धान क्रय केंद्र ही नहीं खोले गए हैं। ऑफिसरशाही इतनी हावी है कि वित्त मंत्री अपने क्षेत्र से धान क्रय केंद्र का बिना उद्घाटन किए ही बैरंग वापस लौटने को मजबूर हैं। राज्य में जहां केंद्र खुले भी हैं उसमें में कई स्थानों पर ताले लटके मिल रहे। राज्य सरकार लक्ष्य का 15% धान भी अबतक नहीं खरीद सकी है, राज्य सरकार इसमें भी धान को गिला बताकर प्रति क्विंटल 10...15किलो की कटौती कर रही है।
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा राज्य सरकार ने धान खरीदी की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है, राज्य सरकार की उदासीनता के कारण किसान दलाल और बिचौलियों के चंगुल में आने को मजबूर हैं। किसान अपनी मेहनत से उपजाई फसल को 1800..1900रुपए प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर हैं, इधर बंगाल,उड़ीसा,छत्तीसगढ़ के दलाल,बिचौलिए धान खरीद केलिए बाइक से गांव, गांव घूम रहे।
कहा कि दलाल, बिचौलिए सीधे ट्रक लेकर गांव तक पहुंच जा रहे ।और किसानों से कम कीमत पर धान खरीद ले रहे, कहा कि राज्य सरकार का दायित्व है किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का ।किसानों को मजबूती प्रदान करने का ताकि वे अपने पैरों पर खड़ा हो सकें, झारखंड के किसान खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है।यहां केवल एक फसल धान ही है जिसे एमएसपी पर बेचकर किसान कुछ रुपए कमाते है बाकी दलहन आदि का उत्पादन यहां बड़े पैमाने पर नहीं होता है, ऐसे में किसानों को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है लेकिन राज्य सरकार लगातार किसानों को निराश करने में लगी है।