अंतर्राज्यीय परिचालन बंद होने से लोग परेशान, सरकार अभिलंब इनका टैक्स करें माफ- धर्मेंन्द्र तिवारी

रांची: भारतीय जनता मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष धर्मेंन्द्र तिवारी ने नामकुम स्थित अपने कार्यालय में कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार की सभी विधानसभा सीटों के लिये तीन चरणों में चुनाव की घोषणा कर दी है. चुनाव प्रक्रिया अक्टूबर अंतिम सप्ताह से लेकर 10 नवम्बर तक समाप्त हो जाएगी. बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही झारखण्ड के दो विधानसभा क्षेत्र दुमका और बेरमो में भी नवम्बर के प्रथम सप्ताह में उपचुनाव होने की संभावना है.

तिवारी ने कहा कि अविभाजित बिहार के समय से ही रोजी-रोटी कमाने के लिये बिहार के लोग झारखण्ड में और झारखण्ड के लोग बिहार में रह रहे है. कोरोना महामारी के कारण अंतर्राज्यीय बसों का परिचालन ठप है. वहीं बिहार एवं झारखण्ड के बीच ट्रेन भी नहीं चल रही है. ऐसे में दुर्गापूजा, दीपावली एवं छठ महापर्व तथा आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए झारखण्ड एवं बिहार सरकार को अपने-अपने राज्यों के सरकारी एवं निजी बसों का अंतर्राज्यीय परिचालन अविलम्ब आरंभ कर देना चाहिए. ताकि दोनों राज्यों के लोग पर्व मनाने एवं वोट देने के लिए अपने -अपने घर आराम से जा सके.
बाहर से आये हुए व्यक्ति 14 दिन रहते हैं क्वांरनटाईन
उन्होंने कहा कि देश में एकमात्र झारखण्ड ही ऐसा राज्य है जहां बाहर से आये हुए व्यक्ति को 14 दिन तक क्वांरनटाईन किया जा रहा है. इस कारण अधिकतर लोग झारखण्ड आने से कतरा रहे है. तिवारी ने बताया कि दबंगों एवं बाहुबलियों की बसें अवैध रूप से झारखण्ड एवं बिहार के बीच निर्बाध परिचालित हो रही है. राज्यों की सीमा पर तैनात पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ये उनकी बसे आराम से एक दूसरे राज्यों में रोक के बावजूद प्रवेश कर रही है और सरकार यह सब जानते हुए भी मौन है.
बाहुबलियों और दंबगों चल रही बस
उन बाहुबलियों और दंबगों की बसों में रांची से पटना का किराया दो हजार रूपये प्रति व्यक्ति वसूला जा रहा है साथ ही बसों में सामाजिक दूरी के नियम का भी पालन नहीं किया जा रहा है, जो की कोरोना महामारी को सीधे-सीधे आमंत्रण देने जैसा है. तिवारी ने झारखण्ड एवं बिहार सरकार से दोनों राज्यों के बीच सरकारी एवं निजी बसों का परिचालन करने, अंतर्राज्यीय अवैध रूप से अंतर्राज्यीय बसों का परिचालन रोकने, व्यवसायिक वाहनों का लॉकडाउन अवधि का रोड टैक्स माफ करे बसों का परिचालन ना होने से बसों पर आश्रित ड्राइवर कंडक्टर खलासी और धूल फांक रहे बस पड़ाव के एजेंट सभी की स्थिति चिंताजनक है.
टैक्स माफ करें राज्य सरकार
सभी की आमदनी नगण्य है बसों पर आश्रित व्यवसाय पूरी तरह ठप है. अब तो ड्राइवरों को वेतन मिलना खलासी को वेतन मिलना ही बंद हो गया. दोहरा मार बस मालिकों को हो रहा है सरकार अभिलंब इनका टैक्स माफ करें और इस रोजगार से जुड़े लोगों को राहत दे. राज्यों की सीमा पर तैनात पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली तथा अंतर्राज्यीय किराया में एकरूपता की मांग की है. ताकि लोकतंत्र में चुनाव की गरीमा की रक्षा हो सके तथा दोनों राज्यों के लोग सभी प्रमुख महापर्व अपने परिवार एवं इष्टजनों के साथ खुशी-खुशी मना सके.