स्वास्थ्य मंत्री निकम्मे, बदहाल हुई स्वास्थ्य सेवाएं: आलोक
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- काम नही होता तो इस्तीफा दें
रांची: प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक दूबे ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को आड़े हाथो लेते हुुये कहा है कि इनके निकम्मेपन की वजह से राज्यभर की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त हो चुकी हैं। ताजा मामला रिम्स का है, जहां छत्तीस बेड की सर्जरी आइसीयू में से अठारह बेड में लगे माॅनिटर खराब है। एक मात्र वेंटिलेटर है, वो भी न के बराबर। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से आहवान किया, कि यदि व्यवस्था ठीक नही कर सकते तो इस्तीफा दे दें।
श्री दूबे ने कहा कि रिम्स का मेडिसीन आइसीयू व सर्जरी आइसीयू दोनों ही दम तोड़ता नजर आ रहा है। विभाग द्वारा रिम्स प्रबंधन को सूचित करने के बावजूद गंभीर नहीं होना लापरवाही को दर्शाता है। ऐसे में रिम्स में इलाज कराने आने वाले रोगियों के साथ कोई अनहोनी होती है तो परिजनों द्वारा हंगामा किया जाना स्वाभाविक पीड़ा को परिलक्षित करता है। प्रवक्ता ने कहा है कि रिम्स की बदहाली कोई नई नहीं है। 2018 में सैकड़ों बच्चे की कुपोषण से रिम्स में मौत हुई। 2018 में डेंगु और मलेरिया के लार्वा रिम्स में पाये गये। एम.आर.डी. के आंकड़ों के अनुसार विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होकर बेहतर इलाज के लिए पहुंचे।
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8982 मरीजों की मौत 2018 में हो गयी। जिसमें 5513 पुरूष और 3459 महिलाएं शामिल हैं। 2019 के तीन महीनों में अस्पताल में 303 बच्चों की मौत हो चुकी है, यह आंकड़ा भयभीत करने वाला है। मार्च 2018 में कुल 3376 बच्चे ओपीडी में आये थे, इनमें से 114 मासूमों की अकाल मौत हो गई थी।
दूबे ने कहा कि रिम्स की लगातार बदहाली और गरीबों की मौत पर मीडिया द्वारा रिपोर्ट दिखाये जाने के बावजूद कोई गंभीर चिंतन या मंथन नहीं किया जाता है। स्वास्थ्य मंत्री का वहीं रटा रटाया बयान अधिकारी बख्शे नहीं जायेंगे, लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, स्वास्थ्य सचिव का दौरा रिम्स निदेशक को लगाई फटकार जैसे बयानों के माध्यम से आम लोगों को बरगला दिया जाता है।
Edited By: Samridh Jharkhand