महिला सशक्तिकरण के लिए सभी विश्वविद्यालय जागरूकता कार्यक्रम का करें आयोजन: प्रो. बिमल प्रसाद सिंह
DSPMU में दो दिवसीय मध्य पूर्वी क्षेत्रीय कांफ्रेंस का समापन
‘जेंडर एंड मार्जिनलाइजेशन इन मिड ईस्टर्न इंडिया’ के विषय पर दो दिवसीय वर्कशॉप सह कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था.
रांची: इंडियन एसोसिएशन ऑफ वूमेन स्ट्डीज, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची और गुरुनानक कॉलेज, धनबाद के संयुक्त सौजन्य से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के सभागार में दो दिवसीय मध्य पूर्वी क्षेत्रीय कांफ्रेंस का समापन हुआ. इस दो दिवसीय वर्कशॉप सह कांफ्रेंस का विषय था, जेंडर एंड मार्जिनलाइजेशन इन मिड ईस्टर्न इंडिया.
समापन सत्र में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने अपने संबोधन में कहा कि इन दो दिनों के गहन विचार विमर्श और शैक्षणिक संवाद के परिणामस्वरूप कई ऐसे सार्थक परिणाम आएंगे जो महिलाओं विशेषकर जनजातीय महिलाओं के लिए कई सकारात्मक पहलुओं को उजागर करेगा. उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय में एक नियमित अंतराल पर सामाजिक, शैक्षणिक और महत्वपूर्ण अकादमिक बिंदुओं पर सेमिनार, कार्यशाला आदि का आयोजन किया जा रहा है, जो न सिर्फ विद्यार्थियों के लिए हितकारी है बल्कि सामाजिक सरोकारों के विषय भी इन कांफ्रेंस के उद्देश्य रहे है.
समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. बिमल प्रसाद सिंह, कुलपति, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका ने कहा कि आदिवासी और ग्रामीण समुदायों की समस्याओं को समझे बिना उनका उचित समाधान संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि विस्थापन का विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. विशेष कर बालकों के स्वास्थ्य पर समुचित ध्यान नहीं दिए जाने से अनेक सामाजिक और आर्थिक समस्यायें उत्पन्न होती है. उन्होंने कहा कि हाशिये पर स्थित विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रति हिंसा और भेदभाव को समाप्त करने के लिए प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए. विशेष तौर पर यह झारखंड में स्थित सभी विश्वविद्यालयों का सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि महिला सशक्तिकरण के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन अपने यहां नियमित अंतराल पर करे.
मौके पर डॉ. नमिता सिंह, कुलसचिव, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची ने अपने संबोधन में सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन लैंगिक असमानता जैसी समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. विशिष्ट अतिथि डॉ. विभा पाण्डेय, उपनिदेशक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा में असमानताओं पर चर्चा की. आईएडब्ल्यूएस की अध्यक्षा डॉ कल्पना करुणाकरण ने अपने संस्थान के महिला सशक्तिकरण पर किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की.
इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के दौरान कुलसचिव डॉ. नमिता सिंह, डॉ विभा पांडेय, डॉ. माया जॉन, डॉ. अभय कृष्ण सिंह, डॉ शमा सोनाली, डॉ. धनंजय द्विवेदी, डॉ. शुचि संतोष बरवार की मौजूदगी रही. यह जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी.