झारखंड हाई कोर्ट ने वन्य जीवों की स्थिति और संख्या की सटीक जानकारी नहीं देने पर जताई नाराजगी

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य के वन्य जीवों की स्थिति और संख्या की सटीक जानकारी नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई है। मामले में अदालत ने सरकार को दोबारा शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। लातेहार में दो हाथियों की मौत के बाद स्वत:संज्ञान लिये हुए मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार को ऐसी कार्ययोजना तैयार करने को कहा है, जिससे वनों के साथ वन्य जीवों को संरक्षित किया जा सके। सुनवाई के दौरान अदालत में वन सचिव और पीसीसीएफ मौजूद थे।

इस पर अधिकारियों की ओर से बताया गया कि यहां बाघ आते हैं और पलायन भी कर जाते हैं। एक बाघ के मौजूद रहने की सूचना है। इस पर अदालत ने पूछा कि बाघ नर हैं या मादा। इसका जवाब अधिकारी नहीं दे सके। अदालत ने कहा कि सरकार को बाहर से वन्य जीवों को लाकर जंगल में रखना होगा। उन्हें ऐसा वातावरण देना होगा कि उनकी आबादी बढ़ सके। बिना जानवर के जंगल नहीं होते। अदालत ने सभी बिंदुओ पर सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।