Koderma News: तराबी के दौरान हाफिजों ने कुरान सुनाया, लोगों ने नगद व उपहार देकर हौसला अफजाई की
साहिबे निसाब मुसलमान अपने माल का हिसाब लगाकर ढाई फीसद जकात अदा करे-मुफ्ती नसीम
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उन्होंने फरमाया के रमजान के पाक महीने में अल्लाह ताअला एक फर्ज का सवाब 70 गुना अधिक देता है और नफल का सवाब फर्ज के बराबर, इसलिए आखरी अशरा का एक लम्हा भी जाया नहीं करना चाहिए।
कोडरमा: मस्जिद-ए- अक्सा असनाबाद, करमा में शुक्रवार की रात तराबी के दौरान हाफिजों ने मुकम्मल कुरान सुनाया। तराबी के दौरान दोनों हाफिज अब्दुल अव्वल और हाफिज असजद हसन ने बारी-बारी से 20 रमजान में पूरा कुरान कंठस्थ रूप से सुनाया । कुरान के मुकम्मल होने के दौरान नमाजियों ने दोनों हाफिज को नगद व उपहार देकर उनका हौसला अफजाई की। तराबी के दौरान हाफिज के कुरान की तिलावत से पूरा मस्जिद रूहानियत से गूंज उठा और हर तरफ अल्लाह की मकबूल किताब इंसानियत की हिदायत का संदेश दे गया।

उन्होंने कहा कि शबे कद्र की रात तलाश करने के लिए हम सबके प्यारे आका जनाबे मुहम्मद रसूलुर्ल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ऐतकाफ में बैठा करते थे और उम्मत को यह हुकुम मिला है कि हर बस्ती की मस्जिद में एक आदमी का ऐतकाफ में बैठना सुन्नते मुअक्कदा है , अगर कोई एक शख्स भी मस्जिद में ऐतकाफ नहीं किया तो मुहल्ले और गांव का हर शख्स गुनाहगार होगा।
उन्होंने फरमाया के रमजान के पाक महीने में अल्लाह ताअला एक फर्ज का सवाब 70 गुना अधिक देता है और नफल का सवाब फर्ज के बराबर, इसलिए आखरी अशरा का एक लम्हा भी जाया नहीं करना चाहिए। दिन में रोजा और रात में अक्सर हिस्सा इबादतों में गुजारे। तरावीह और तहज्जुद का एहतमाम करें । अपने और उम्मते मुस्लिमा के लिए और अपने मुल्क में अमन सलामती की दुआएं मांगे।
ज़कात के बारे में मुफ्ती नसीम ने फरमाया की जकात भी मजहबे इस्लाम में नमाज, रोजा, हज की तरह फर्ज है। साहिबे निसाब मुसलमान अपने माल का हिसाब लगाकर ढाई फीसद जकात अदा करना फर्ज समझे। जकात का माल पर गरीबों, बेवाओं और जरूरतमंदों का हक़ है । उन्होंने कहा कि इस साल सदक- ए-फित्र इमारत शरिया ने 60 रूपया का ऐलान किया है, इसलिए हर मालदार शख्स अपनी तरफ से और अपने नाबालिग औलाद की तरफ से ईद की नमाज से पहले पहल सदक- ए- फित्र जरूर अदा करें।