मानगो में कचरे की समस्या के लिए पूर्व मंत्री और सरकार जिम्मेदारः सरयू राय
सरयू राय ने पूछा- नगर निगम तो बना दिया, कचरा डंप कहां होगा
सरयू राय ने कहा, बीते साल एनजीटी को शपथ पत्र देकर डंपिंग के लिए स्थल चयन की बात की, अब तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा, मानगो नगर निगम में एक भी कंपैक्टर नहीं स्थापित किया गया है.
जमशेदपुर: जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि मानगो नगर निगम में कचरा निष्पादन की समस्या झारखंड सरकार और झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री की लापरवाही की देन है. सरकार ने मानगो को नगर निगम बना दिया, परंतु यहां के घरों से निकले वाला कचरा कहां डंप होगा, इसके बारे में कोई व्यवस्था नहीं दी. विगत 8 अप्रैल 2023 को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त झारखंड सरकार का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मानगो नगर निगम ने एनजीटी के सामने शपथ पत्र दिया था कि यथाशीघ्र वे मानगो के कचरा डंपिंग स्थल का चयन कर लेंगे और सोनारी के कचरा डंपिंग स्थल पर कचरा गिराना बंद कर उसे सुंदर बनाएंगे. इसके लिए दो करोड़ रुपये के व्यय पर निविदा निकाली गई परंतु हुआ कुछ नहीं. झारखंड सरकार और झारखंड सरकार के पूर्ववर्ती स्वास्थ्य मंत्री एनजीटी के सामने शपथ पत्र दाखिल कर सोए रहे और मानगो नगर निगम की समस्या गंभीर होती गई.
यहां जारी एक बयान में सरयू राय ने कहा कि वह विगत दो दिनों से मानगो नगर निगम के उप नगर आयुक्त के साथ वार्ता कर मानगो का कचरा डंपिंग के लिए वैकल्पिक स्थल चयन करने का प्रयास कर रहा हूं. आज इसके बारे में पूर्वी सिहभूम के उपायुक्त से भी विस्तृत चर्चा हुई. उपायुक्त ने बताया कि पहले जेएनएसी क्षेत्र का कचरा डंपिंग भी सोनारी में ही होता था परंतु अब यह टाटा स्टील के बारा कचरा प्लांट में डंप हो रहा है. जिस समय यह निर्णय हुआ कि जेएनएसी का कचरा टाटा स्टील के बारा कचरा डंपिंग साइट पर जाएगा, उसी समय यह भी निर्णय हुआ था कि मानगो नगर निगम का कचरा आदित्यपुर में उस स्थान पर गिराया जाएगा जहां कचरा निष्पादन संयंत्र की स्थापना की जा रही है. परंतु एक वर्ष से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी इस निर्णय का क्रियान्वयन नहीं हुआ. मैंने उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम से कहा है कि वे सरायकेला के उपायुक्त से वार्ता करें ताकि आदित्यपुर के कचरा डंपिंग साइट पर मानगो नगर निगम का कचरा भी गिराया जाए. वह इससे सहमत हुए और कहा कि मैं इसकी व्यवस्था कराऊंगा. आश्चर्य है कि एक साल से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी न तो झारखंड सरकार ने और ना ही मानगो क्षेत्र के तत्कालीन जनप्रतिनिधि ने इस दिशा में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? सरयू राय इस बात को लेकर भी चकित थे कि मानगो को नगर निगम घोषित हुए कई साल बीत गये परंतु मानगो का कचरा कहां निष्पादित होगा, इसकी सुध किसी ने नहीं ली.
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक ने कहा कि मानगो का कचरा डंपिंग स्थल चयन के बारे में उन्होंने तीन विकल्प पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को सुझाया. एक-मानगो के कचरा डंपिंग के लिए मानगो नगर निगम क्षेत्र से सटे हुए किसी स्थान का चयन किया जाए. दो-जेएनएसी की तरह मानगो नगर निगम का कचरा भी टाटा स्टील के बारा कचरा डंपिंग में गिराया जाए और तीन-मानगो का कचरा आदित्यपुर में ले जाया जाए जहां अंततः मानगो, जुगसलाई और आदित्यपुर के कचरा डंपिंग का निस्तार करने के लिए मशीन लगाई जा रही है. आश्चर्य तो यह है कि अभी तक मानगो नगर निगम में एक भी कंपैक्टर नहीं स्थापित किया गया है ताकि कचरा को दबा कर इसका आकार छोटा किया जा सके और 20-25 ट्रक कचरा को एक ट्रक के आकार का बना कर इसे आदित्यपुर या अन्यत्र ले जाया जाए. सरयू राय ने मानगो नगर निगम के उप नगर आयुक्त से कहा कि वे शीघ्र एक कंपैक्टर लगवाएं.
सरयू राय ने कहा कि यह राज्य सरकार की जिम्मेवारी है कि मानगो को नगर निगम घोषित करने के बाद यहां का कचरा निष्पादन करने की व्यवस्था करे. झारखंड सरकार का नगर विकास विभाग इस बारे में लापरवाह है. यदि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान सरकार और नगर निगम नहीं करते हैं, तो नगर निगम क्षेत्र की जनता सरकार के विरुद्ध खड़ा होगी. एनजीटी के सामने डेढ़ साल पहले शपथ पत्र दायर करने के बावजूद कचरा निष्पादन का कोई प्रयास नहीं करने के लिए पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन और नगर निगम मूल रुप से जिम्मेदार है. हर साल नगरपालिकाओं को स्वच्छता का प्रमाण पत्र बांटने वाली झारखंड सरकार और नगर विकास विभाग को स्पष्ट करना चाहिए कि वह मानगो नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है और पिछले पांच वर्षों से पूर्ण बहुमत की सरकार चलने के बावजूद सरकार मे मंत्री बने रहे मानगो क्षेत्र के तत्कालीन जनप्रतिनिधि ने इस बारे में सरकार पर दबाव क्यों नहीं डाला?