सीबीआई को जांच से पहले लेनी होगी राज्य सरकार से आदेश
रांचीः राज्य में हेमंत सरकार (Hemant sarkar) और मोदी सरकार के बीच तकरार जारी है. विभिन्न मामलों में केंद्र सरकार के खिलाफ हेमंत सरकार लगातार स्टैंड ले रही है. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्र के साथ जनरल कंसेंट करार खत्म कर दिया है. करार खत्म होने के बाद सीबीआई (CBI) किसी भी जांच के लिए पहले राज्य सरकार के गृह विभाग से अनुमति लेनी होगी.
आपको बता दें कि झारखंड से अन्य राज्यों ने भी केन्द्र के साथ जनरल कंसेंट (General consent) करार खत्म किया है. उन राज्यों में महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल, मिजोरम,आंध्र प्रदेश के बाद झारखंड ने ये बड़ा कदम उठाया है.
19 फरवरी 1996 की करार खत्म
जनरल कंसेंट झारखंड सरकार (तत्कालीन बिहार) द्वारा 19 फरवरी 1996 को जारी कर एक आदेश के तहत दिया गया था. गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (Delhi Special Police Establishment) के सदस्यों को एक कानून ( दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेंट एक्ट 1946 ( 25 ऑफ 1946) के तहत राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र (Powers and jurisdiction) के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है. इसके बाद सीबीआई को अब झारखण्ड में शक्तियों और न्यायाक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी.
सूबे में सीबीआई की जांच
- 2010 और 2012 राज्यसभा चुनाव में हार्स ट्रेडिंग की जांच
- चारा घोटाले के अधिकांश आरोपियों की सजा मिल गई
- कोल ब्लॉक आवंटन में कई कंपनियों के खिलाफ जांच
- स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की जांच भी सीबीआई कर रही है
- संजीवनी बिल्डकॉन घोटाले में 30 से अधिक केस दर्ज