बिजली विभाग के खाते से 109 करोड़ रुपए की फर्जी निकासी एक सोची समझी साजिश: बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने की सीबीआई जांच की मांग
बाबूलाल ने कहा, हेमंत सरकार में सीआईडी जांच की विश्वसनीयता हमेशा शक- सवालों के घेरे में रही है. सीआईडी जांच करा के सरकार क्या बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि अरबों रुपए की धोखाधड़ी एवं इसके तार दूसरे राज्यों से जुड़े होने के उद्भेदन हेतु राज्य सरकार अविलंब उक्त मामले की जांच सीबीआई को सौंपे.
रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा. बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री सह ऊर्जा मंत्री को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि हेमंत सरकार में झारखंड ऊर्जा उत्पाद निगम लिमिटेड के खाते से ₹109 करोड़ की फर्जी निकासी हुई है. जो गंभीर आर्थिक अपराध है. उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों पर केस दर्ज करा के राज्य सरकार फर्जी निकासी मामले में सीआईडी जांच करने का नाटक कर रही है.
हेमंत सरकार में सीआईडी जांच की विश्वसनीयता हमेशा शक- सवालों के घेरे में रही है. सीआईडी जांच करा के सरकार क्या बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि अरबों रुपए की धोखाधड़ी एवं इसके तार दूसरे राज्यों से जुड़े होने के उद्भेदन हेतु राज्य सरकार अविलंब उक्त मामले की जांच सीबीआई को सौंपे.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में बैंक कर्मियों और अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचारियों ने बड़े पैमाने पर बिजली विभाग में सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. झारखंड में यह नया मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी मिड-डे मील योजना में ठीक इसी तरह का घोटाला सामने आ चुका है. अनौपचारिक रूप से अधिकारियों से हुई बातचीत में यह पता चल रहा है कि क़रीब 500 करोड़ रुपए से अधिक की सरकारी संपत्ति का गबन घोटालेबाजों एवं भ्रष्टाचारियों द्वारा किए जाने की संभावना है, जो राज्य सरकार की भ्रष्ट नीतियों और लचर प्रशासन का परिणाम है.
उन्होंने कहा कि पूरी घटना को क्रमबद्ध तरीके से देखें तो यह बात स्पष्ट होती है कि झारखंड के दूसरे विभागों में भी इस तरह की घोटाले हुए होंगे जो सामने आने बाकी हैं. इसमें बैंक अधिकारी, कर्मचारी तथा दूसरे राज्य के लोग भी मिले हुए हैं इसलिए इसकी जांच सीआईडी या झारखंड पुलिस के बस की बात नहीं है. विभाग के मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते.
मुख्यमंत्री ने इस मामले की तुरंत सीबीआई से जांच नहीं कराई तो यह स्पष्ट होगा कि सरकार खुद इस घोटाले को दबाने और दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है. बिना विलंब किए इस मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करना चाहिए ताकि घोटाले में घोटालेबाजों के साथ इस षड्यंत्र में शामिल लोगों का खुलासा हो सके. उन्होंने कहा कि यह भी साफ़ पता चल रहा है कि ये मनी लाँड्रिंग का भी मामला है. इसलिये ईडी के निदेशक से अनुरोध है कि इस मामले को हाथ में लेकर तुरंत जाँच शुरू करे.