धूमधाम से मनाया गया भाई दूज, कायस्थों ने की चित्रगुप्त की अराधना

रांची: राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में मंगलवार को भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा की धूम रही। कायस्थ जाति व बुद्धिजीवियों ने आज कलम- दवात के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा- अर्चना की, वहीं रक्षाबंधन की तरह ही भाई- बहन के निश्छल प्रेम के प्रतीक भाई दूज का पर्व भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

भाईदूज के दिन बहनें रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार देता है। आज के दिन भाई की हथेली पर बहनें चावल का घोल लगाती हैं उसके ऊपर सिंदूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर धीरे- धीरे पानी हाथों पर छोड़ते हुए कहती हैं जैसे गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े। इस दिन शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती हैं।
कलम के आराध्य की पूजा: भईया दूज के दिन ही यमराज के सचिव व पाप- पुण्य का लेखा- जोखा रखने वाले न्याय के देवता भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। लिहाजा रांची समेत पूरे राज्य में कायस्थ समाज के लोगों ने विधि- विधान के साथ पूजा- अर्चना की। हरमू रोड स्थित किशोरगंज रोड नंबर 1 में कायस्थ चेतना मंच के बैनर तले श्रद्धालुओं ने शीतल बिहार अर्पाटमेंट में हवन कर सभी के कल्याणार्थ आहूतियां डाली गई। इस मौके पर रतन बर्मा, पंकज सिन्हा, भुवनेश्वर सहाय, उदय बर्मा सहित समाज के प्रतिष्ठतों ने पूजनोत्सव में हिस्सा लिया। पूजनोत्सव को लेकर रतन बर्मा ने बताया कि पूजा में पुरुषों के जरिए अपनी आय और व्यय का पूरा ब्योरा भगवान चित्रगुप्त के आगे रखा जाता है। हर साल कार्तिक शुक्ल द्वितिया को चित्रगुप्त का पूजन लेखनी के रूप में की जाती है