Koderma News: प्रतिमा विसर्जन के पश्चात पंडाल में नौ दिनों तक धरना देती हैं महिलाएं, भर जाती है सूनी गोद

अनूठी आस्था का केंद्र है परसाबाद का दुर्गा पूजा क्षेत्र

Koderma News: प्रतिमा विसर्जन के पश्चात पंडाल में नौ दिनों तक धरना देती हैं महिलाएं, भर जाती है सूनी गोद
पूजा समिति के द्वारा बनाया जा रहा आकर्षक पूजा पंडाल.

दुर्गा पूजा के दौरान यहां महिलाएं 9 दिनों तक धरने पर भी बैठती हैं. विसर्जन के 9 दिन बाद जलाशय से प्रतिमा का चाल (आसन) कलाकार वापस देवी मंडप में रखा जाता है. जिसके बाद धरने पर बैठी महिलाएं अपने धरने को समाप्त करती हैं. लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.

कोडरमा: जयनगर प्रखंड के परसाबाद का दुर्गा पूजा क्षेत्र में खास महत्व रखता है. यहां आस-पास के 10 से 12 गांव के लोग माता के दर्शन करने पहुंचते हैं. दुर्गा पूजा के दौरान यहां महिलाएं 9 दिनों तक धरने पर भी बैठती हैं. पूजा समिति के द्वारा आयोजन को भव्य बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर की जा रही है. आकर्षक पूजा पंडाल तैयार करने में धनबाद के कारीगर जुटे हुए हैं.

रेलवे स्टेशन मास्टर ने शुरू की थी पूजा

सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति परसाबाद के अध्यक्ष दीपक कश्यप ने बताया कि परसाबाद में पूजा की शुरुआत 95 वर्ष पहले परसाबाद रेलवे स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन मास्टर के द्वारा की गई थी. अध्यक्ष ने बताया कि पूर्वजों से मिली जानकारी के अनुसार स्टेशन मास्टर पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे. माता दुर्गा पर उनकी अपार आस्था थी. रेलवे में नौकरी करते हुए उन्होंने परसाबाद रेलवे स्टेशन के समीप माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी. परसाबाद में कई वर्षों तक नौकरी के दौरान उन्होंने यहां प्रतिमा स्थापित कर दुर्गा पूजा का आयोजन किया था. रेलवे से सेवानिवृत होने के पश्चात जब स्टेशन मास्टर परसाबाद से जाने लगे तो उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को पूजा जारी रखने की जिम्मेवारी सौंपी थी. जिसका निर्वहन आज भी ग्रामीण पूरे निष्ठा के साथ कर रहे हैं.

प्रतिमा विसर्जन के बाद में 9 दिनों तक धरना देती हैं महिलाएं

समिति के अध्यक्ष ने बताया कि वर्षों पुराने इस दुर्गा पूजा पर क्षेत्र की महिलाओं की भी अपार आस्था है. निसंतान महिला एवं जिनके घर परिवार में किसी तरह की समस्या रहती है वैसी महिलाएं दुर्गा पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन के दिन से दुर्गा मंडप परिसर में 9 दिनों तक फलाहार पर रहकर धरना देती हैं. विसर्जन के 9 दिन बाद जलाशय से प्रतिमा का चाल (आसन) कलाकार वापस देवी मंडप में रखा जाता है. जिसके बाद धरने पर बैठी महिलाएं अपने धरने को समाप्त करती हैं. लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.

पूजा समिति के संयोजक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि परसाबाद रेलवे स्टेशन के समीप दुर्गा पूजा के आयोजन के दौरान यहां प्रत्येक वर्ष लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी. उन्होंने बताया कि शुरू से ही यहां बांग्ला पद्धति से पूजा होती है. जिसे आचार्य विनोद पांडेय के द्वारा संपन्न कराया जाता है.

Edited By: Subodh Kumar

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