Giridih news: क्रशर के प्रदूषण से बच्चे हो रहे दिव्यांग, उपजाऊ जमीन बंजर होने से किसान हो रहे बेरोजगार
जंगल के अस्तित्व पर मंडरा रहा है खतरा
लोग आए दिन बीमार पड़ रहे हैं। इसका सबसे बुरा असर बच्चों पर पड़ रहा है। क्रशर के प्रदूषण से बच्चे दिव्यांग हो रहे हैं। वर्तमान में इस गांव के चार बच्चे दिव्यांग हो चुके है। समय रहते क्रशर को बंद नहीं कराया गया तो स्थिति और भयावह हो सकता है।
गिरिडीह: सरकारी मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए गिरिडीह सदर प्रखंड के अलगुंदा पंचायत के गुरो गांव में क्रशर मालिक द्वारा क्रशर का संचालन किया जा रहा है। घनी आबादी के बीच क्रशर के संचालन से ग्रामीणों को इससे उड़ने वाले डस्ट से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग आए दिन बीमार पड़ रहे हैं। इसका सबसे बुरा असर बच्चों पर पड़ रहा है। क्रशर के प्रदूषण से बच्चे दिव्यांग हो रहे हैं। वर्तमान में इस गांव के चार बच्चे दिव्यांग हो चुके है। समय रहते क्रशर को बंद नहीं कराया गया तो स्थिति और भयावह हो सकता है।
जंगल के अस्तित्व पर मंडरा रहा है खतरा
एक तरफ जहां ग्लोबल वार्मिंग को लेकर जहां पुरा विश्व चिंतित है वहीं दुसरे तरफ जंगल से सटकर 500 मीटर से भी कम दूरी पर क्रशर चलाया जा रहा है। क्रशर के डस्ट से आस पास के पेड़ पौधे सुख रहे हैं। गांव के बबुआ नन्दन महतो ने कहा कि सभी तरह के नियम कानून को ताक पर रखकर क्रशर का संचालन किया जा रहा है। क्रशर के डस्ट से जंगल भी नष्ट हो रहा है। जंगल की जड़ी बूटियां समाप्त हो रही है। मवेशियों के लिए चारा मिलना भी अब बंद हो गया है। जंगल के अस्तित्व पर भी अब खतरा मंडराने लगा है।
बंजर हो रहे हैं उपजाऊ जमीन
ग्रामीणों का कहना है कि क्रशर से उड़ने वाले डस्ट से आस पास के उपजाऊ जमीन बंजर होने लगे है। उपजाऊ जमीन में भी उपज नहीं के बराबर हो रहा है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। खेतों में डस्ट का परत जमा हो जाने से फसलों की पैदावार प्रभावित होने से किसान भी बेरोजगार होने लगे है। उनकी जमीन अब परती रहने लगा है। क्रशर का डस्ट कुएं में पड़ने से पानी भी दुषित हो गया है। ग्रामीण दुषित पानी पीने को मजबुर है। आए दिन लोग बिमार पड़ रहे हैं।
चार बच्चे हो चुके है दिव्यांग
बताते है कि क्रशर के प्रदूषण से गुरो गांव के चार बच्चे दिव्यांग हो चुके हैं। इन बच्चों में सुधीर कुमार वर्मा का एक, प्रदीप शर्मा का एक, मनोहर प्रसाद वर्मा का एक और सुरेन्द्र प्रसाद वर्मा का एक बच्चा दिव्यांग हो चुका हैं। समय रहते क्रशर बंद नहीं कराया गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकता है। पीड़ित मनोहर प्रसाद वर्मा ने कहा कि क्रशर ग्रामीणों के लिए ज्वलंत समस्या बन गया है। क्रशर का डस्ट घरों में घुस जाता है। खाने वाले सामानों में डस्ट जम जाता है। डस्ट जमे खाद्य पदार्थों को ग्रामीण खाने को विवश है। उप मुखिया प्रतिनिधि एश्वर्य तुरी ने कहा कि ग्रामीणों के हित को देखते हुए अविलंब क्रशर को बंद करना होगा। अवश्यकता पड़ने पर इस मामले से जिला प्रशासन को भी अवगत कराया जाएगा।