झारखंड में सूखा का संकट और बढते पलायन को लेकर प्रवासी श्रमिकों को किया गया सचेत, दी गयी जानकारी

दुमका : दुमका जिले के सदर प्रखंड दुमका के दरबरपुर पंचायत अंतर्गत दरबारपुर गांव में एक दिवसीय जन जागरूकता बैठक का आयोजन मंगलवार, 11 अक्टूबर को किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता मनसा मरांडी ने की। इस बैठक की अगुवाई जोहार मानव संसाधन विकास केंद्र, दुमका के सामाजिक कार्यकर्ता सुशांत सोरेन ने की। बैठक में कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की गयी।

उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को किसी दूसरे प्रदेश में जाने के पूर्व श्रम विभाग के पोर्टल में निबंधन करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि निबंधन के समय एजेंट के द्वारा कुछ बुनियादी जानकारी प्राप्त करना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि बाहर जाने से पूर्व परिवार में सलाह कर ही जाना चाहिए और इसकी जानकारी ग्राम प्रधान, पंचायत मुखिया को लिखित जानकारी देना बहुत जरूरी है। ताकि संकट के वक्त प्रवासी मजदूरों को सहायता और सहयोग किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों को संविधान प्रदत हक-अधिकार एवं कानूनी जानकारी होना बहुत जरूरी है। कानून की जानकारी के अभाव में आदिवासियों को अपने हक-अधिकारों से वंचित रहना होता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी जल जंगल जमीन से जुड़े हुए हैं, जमीन से संबंधित वनों से संबंधित कानूनी अधिकारों की जानकारी रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार कानून 2006 के तहत व्यक्तिगत एवं समुदाय पट्टा की दावेदारी कर सकते हैं। वन अधिकार कानून के अलावा संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949, पांचवी अनुसूची, पेसा एक्ट 1996, भूमि अधिग्रहण कानून 2013, विस्थापन नीति एवं माइनिंग नीति जैसे कई तरह के संवैधानिक कानूनी एवं पूर्वजों के पारंपरिक हक अधिकारों की जानकारी रखना बहुत जरूरी है।
उन्होंने चुम्मक एपिल स्वयं सहायता समूह दरबरपुर की महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि महिला समूह के तहत बाहर जा रही हैं। प्रवासी मजदूरों को जाने से पूर्व सामान्य जानकारी से अवगत हो जाना चाहिए। इस अवसर पर सभी महिला समूह के सदस्यों को प्रवासी सहायता एवं सूचना नेटवर्क के हैंड बिल एवं जागरूकता पर्ची का वितरण किया गया।
इस अवसर पर सामुदायिक नेता मनसा मरांडी ने कहा कि दरबरपुर गांव से कई प्रवासी मजदूर विगत दिनों लोकल एजेंट के झांसे पड़ कर केरल चले गए हैं।उनकी वर्तमान स्थिति बहुत ही दयनीय है। जाने पूर्व एजेंट के द्वारा सही जानकारी नहीं मिलने के कारण प्रवासी मजदूरों को बंधक बनाकर, मारपीट सहकर बिना मजदूरी काम करने को मजबूर किया जाता है। उन्होंने बताया कि दरबारपुर गांव से निम्न प्रवासी मजदूर केरल गए हैं –
विकास मरांडी, जुगो टुडू, मंटू मरांडी, दिलीप, सुभाष, रवि मुर्मू, फिलिमोन किस्कू, सिरिल, अर्जुन, डॉक्टर नरेश।
लड़कियों में सीमा, सावित्री, चाइना, फुलमुनि, बिटिया, रानी और डेट।
उन्होंने बताया कि दरबरपुर से ही लगभग 30 से ज्यादा प्रवासी मजदूर बाहर गए हुए हैं । अस दौरान ग्रामसभा के अनुमति के बिना प्रवासी मजदूरों को नहीं ले जाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता बेडियो पाल, मनसा मरांडी, लखन सोरेन, लिलावती मुर्मू, सुनीता सोरेन, चिता हेंब्रम, होपनी टुडू, सोनामती सोरेन, पाकू मुर्मू, एलिजाबेथ सोरेन आदि ग्रामीण मौजूद थे।