Chatra news: पहाड़ी की चोटी में मिली हनुमान की प्राचीन प्रतिमा
जेसीबी से समतलीकरण के दौरान प्रतिमा का एक एक हाथ क्षतिग्रस्त हो गया

झारखंड पुरातत्व एवं कला संस्कृति विभाग के पूर्व सहायक निदेशक और प्रसिद्ध पुरातत्वविद डॉ हरेंद्र सिंहा ने बताया कि प्राचीन प्रतिमाओं के मिलने से इस जगह की महत्ता बढ़ गई है।
चतरा: जिले के पत्थलगडा स्थित पर्यटन स्थल मोरशेरवा पहाड़ी में प्राचीन प्रतिमाओं और अन्य कलाकृतियों का मिलना जारी है। चौथे दिन पहाड़ी की चोटी में हनुमान जी की प्राचीन प्रतिमा मिली है।

मोरशेरवा पहाड़ी की चोटी में अष्टभुजी मंदिर के उतरी भाग में यज्ञ मंडप निर्माण के लिए पिछले चार दिनों से समतलीकरण का कार्य चल रहा है। दो जेसीबी मशीन से यहां सफाई किया जा रहा था। इसी के क्रम में तीन दिन पहले यहां लगभग 200 साल प्राचीन माता लक्ष्मी की एक प्राचीन प्रतिमा मिली थी। उसके बाद यहां अष्टधातु का एक वजनी घंटा भी मिला था। सफाई के दूसरे दिन यहां मिट्टी के बने कई कलश और दीये भी मिले थे। इन कलाकृतियों के पहाड़ी की चोटी में शिव मंदिर में रखकर पूजा अर्चना की जा रही है। चौथे दिन जिस स्थान में अन्य कलाकृतियां मिल रही थी वहां हनुमान जी की भी प्राचीन प्रतिमा मिली है। इसके बाद इस स्थल की महत्व बढ़ गई है। आसपास के ग्रामीण इसे पूर्वजों की धरोहर बता रहे हैं।
नावाडीह के पूर्व मुखिया मेघन दांगी, समाजसेवी रामचंद्र दांगी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य राजेश दांगी, समाजसेवी तारकेश्वर राणा सहित ने अन्य बताया कि 50 के दशक से लेकर अब तक पहाड़ी में सावन सप्तमी पर विशेष अनुष्ठान का आयोजन हो रहा है। यहां खीर का भोग नावाडीह स्कूल के शिक्षकों और विद्यार्थियों के द्वारा लगाया जाता था। आसपास के गांवों के लोग सदियों से यहां वैवाहिक रश्म के बाद मोर और पगड़ी चढ़ाते थे। यह स्थल आसपास के क्षेत्र का सबसे ऊंचा जगह है। यह ग्रामीण आस्था का केंद्र है।
झारखंड पुरातत्व एवं कला संस्कृति विभाग के पूर्व सहायक निदेशक और प्रसिद्ध पुरातत्वविद डॉ हरेंद्र सिंहा ने बताया कि प्राचीन प्रतिमाओं के मिलने से इस जगह की महत्ता बढ़ गई है।