राजस्थान में जिंदा जलाकर पुजारी बाबूलाल को मार डालना घोर निंदनीय अपराध : धर्मेंद्र तिवारी

रांची: देश में एक बार फिर साधु और पुजारी की हत्या की मामला सामने आया है. यूपी में एक साधु का शव यमुना नदी में मिलना और राज्यस्थान के करौली स्थित बूकना गांव में जमीन-विवाद (Land dispute) को लेकर एक पुजारी को ज़िंदा जलाकर (Burning the priest alive) मार डालना यह घोर निंदनीय अपराध है. दोनों घटनाओं की भारतीय जन मोर्चा पार्टी विरोध करती है. ये सभी बाते भारतीय जन मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी (National President Dharmendra Tiwari) ने कही.

सरकार की ओर से जल्द से जल्द परिवार को न्याय के साथ आर्थिक सहायता (Subsidies) मिलनी चाहिए. क्योकि मृतक के पत्नी के अलावा छह बेटियां और एक बेटा है. उन्होंने कहा कि मौत से पहले पुजारी बाबूलाल का बयान मैंने एक जगह पढ़ा है था कि मंदिर की जमीन पर कब्ज़ा करने की इच्छा रखने वाले अतिक्रमणकारियों (Trespassers) ने पेट्रोल डाल कर उन्हें जला दिया. ये घटना बुधवार (अक्टूबर 7, 2020) की है. आरोपी मंदिर की जमीन पर छप्पर डाल रहे थे. मंदिर को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था और इस मामले में हुई पंचायत में पंच पटेलों ने आरोपितों को अतिक्रमण(Transgression of the accused) न करने को कहा था.
साथ ही मंदिर की भूमि से कब्ज़ा हटाने का भी आदेश दिया था. हालांकि, आरोपितों ने बात नहीं मानी और कब्ज़ा करना जारी रखा. पुजारी बाबूलाल ने जब रोका तो उनके ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दिया गया. इस घटना से समाज मे आक्रोश है. 7 सितम्बर 2020 को हुई पंचायत के बाद 100 ग्रामीणों ने पुजारी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इससे सम्बंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर (Signature on the document) किए थे, लेकिन आरोपितों ने उनकी एक न सुनी. अब प्रशासन को उक्त घटना के पीछे का कारण स्पस्ट करना होगा.
मेरे कुछ स्थानीय संगठन लोगों ने बताया कि पंडित जी राधा-गोविन्द मंदिर (Radha-Govind Temple) की सेवा करते थे. पुजारी को मंदिर के नाम पर जमीन दान की गई थी और इसी जमीन पर 50 साल के पुजारी अपना घर बना रहे थे. भू-माफिया इस जमीन का अतिक्रमण करना चाहते थे. अगर ये स्थिति पुजारियों के साथ होने लगी तो अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ेगा और इस तरह की घटना किसी भी प्रदेश में हो वहां के राज्य सरकार को अपनी जवाबदेही स्पष्ट करनी होगी.