मैनहर्ट घोटाले में एसीबी ने दर्ज की मामला, बढ़ी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुश्किलें

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूर्ववर्ती रघुवर सरकार (Former Raghuvar Sarkar) बड़े-बड़े कामों का एक-एक करके जांच शुरु कर दी है. मैनहर्ट घोटाले में एसीबी ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ गुरुवार देर शाम प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर ली है. पीई दर्ज होने के बाद रघुवर दास की मुश्किल अब बढ़ सकती है. 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने मैनहर्ट घोटाले की जांच आदेश दिए थे.

2005 में रांची में सिवरेज ड्रेनेज के निर्माण के लिए मैनहर्ट कंपनी को परामर्शी बनाया गया था. उस समय रघुवर दास नगर विकास मंत्री बने थे. रघुवर दास की कैबिनेट में रखते हुए विधायक सरयू राय (MLA, Saryu Rai) ने कई गंभीर सवाल उठाए थे. उन्होंने मेनहर्ट कंपनी परामर्शी बनाने के दौरान नगर विकास मंत्री रहे रघुवर दास के खिलाफ जांच का अनुरोध किया था. सरयू राय ने आरोप लगाया था की मेनहर्ट कंपनी के परामर्शी बनाने में भारी अनियमितता (Sewerage Drainage ) बरती गई है.
इंजीनियरों की टीम ने की थी जांच की अनुशंसा
इस मामले की जांच करने के लिए 5 इंजीनियरों की टीम गठित किया गया टीम ने 13 पेज में रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में कहा गया कि एजेंसी और नियुक्त करने पर कार्यवाही होनी चाहिए. इसमें भारी अनियमितता बरती गई है. इस मामले पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया. पर कार्यवाही नहीं.
मैनहर्ट घोटाला में राजबाला वर्मा सक्रिय भूमिका : सरयू राय
सरयू राय ने 2009 के तत्कालीन निगरानी आयुक्त राजबाला वर्मा (Surveillance Commissioner Rajbala Verma) पर भी आरोप लगाया कि तत्कालीन आईजी एमवी राव ने पांच बार निगरानी आयुक्त से इस मामले में जांच की अनुमति मांगी थी. लेकिन निगरानी आयुक्त राजबाला वर्मा ने इस पर कार्रवाई का कोई आदेश नहीं दिया और मामला को लटकती रही. उन्होंने निगरानी ब्यूरो को जांच की आदेश नहीं दी. बल्कि तकनीकी परीक्षण कोषांग को जांच का आदेश दिया. राय ने राजबाला वर्मा पर आरोप लगा कि मैनहर्ट घोटाला(Manhattan Scam) में इनका सक्रिय भूमिका है.