गगनयान मिशन से पहले अंतरिक्ष में भेजी जाने वाली पहली ह्यूमानड व्योममित्रा के बारे में जानिए

बेंगलुरु : इसरो चीफ के सिवन ने आज कहा कि इस साल के आखिर तक हम पहले मानव रहित मिशन का सफल प्रक्षेपण करेंगे. उन्होंने कहा कि जनवरी के अंत तक चार अंतरिक्ष यात्रियों को रूप में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें नासा, रूस और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसियों से मदद और सहयोग प्राप्त हो रहा है. इसरो ने इसके साथ ही आज पहले मानव रहित गगनयान में भेजी जाने वाली ह्यूमनाइड व्योममित्रा का वीडियो जारी किया. ये सभी लाइव आॅपरेशन करने में सक्षम है. इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने इस संबंध में बताया है कि यह एक मानव की तरह कार्य करेगा और हमें रिपोर्ट भेजेगा. उन्होंने कहा कि हम इसे एक प्रयोग के तौर पर कर रहे हैं.
इसरो, बेंगलुरू: पहले मानव रहित गगनयान मिशन में आधे ह्यूमनॉइड ‘व्योमित्र’ को रखा गया है। ये सभी लाइव ऑपरेशन करने में सक्षम है। इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल कहते हैं, ” यह एक मानव की तरह कार्य करेगा और हमें रिपोर्ट भेजेगा। हम इसे एक प्रयोग के रूप में कर रहे हैं”। pic.twitter.com/ecS7rPT4zx— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2020
उल्लेखनीय है कि 1984 में राकेश शर्मा रूस के अंतरिक्ष यान पर बैठकर अंतरिक्ष गए थे. इस बार भारतीय अंतरिक्षयात्री भाजपा के अंतरिक्ष यान पर बैठ कर अंतरिक्ष में जाएंगे.
इसरो चीफ सिवन ने कहा है कि गगनयान के अंतिम मिशन से पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में अंतरिक्ष में मानव जैसे रोबोट भेजे जाएंगे. ये इंसान जैसे दिखने वाले ह्यूमनाइट रोबोट होंगे. दूसरे देश ऐसे मिशन से पहले अंतरिक्ष में पशुओं को भेज चुके हैं. ये ह्यूमेनाइट शरीर के तापमान और धड़कन संबंधी टेस्ट करेंगे.
इसरो चीफ, के. सिवन: इस साल के आखिर तक हम पहले मानव रहित मिशन का सफल प्रक्षेपण करेंगे। जनवरी के अंत तक चार अंतरिक्ष यात्रियों को रूस में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा। हमें नासा, रूस और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसियों से मदद और सहयोग प्राप्त हो रहा है। pic.twitter.com/QGffN2fLZ7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2020
सिवन के अनुसार, गगनयान मिशन सिर्फ इंसान को अंतरिक्ष में भेजने का मिशन नहीं है. यह मिशन हमें आगे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग जुटाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि हमें यह मालूम है कि वैज्ञानिक खोज, आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकी विकास और युवाओं को प्रेरणा देना सभी देशों का लक्ष्य है, लेकिन किसी भारतीय द्वारा अंतरिक्ष की यात्रा इन सभी प्रेरणाओं के लिए सबसे बेहतरीन प्टेलफार्म है.