सौर हो या पवन ऊर्जा, चीन नंबर वन, जानिए कहां है हमारा देश

अब तो इशारा आप समझ ही गए होंगे। जी हाँ। बात यहाँ चीन की हो रही है। दुनिया में न सिर्फ सोलर एनेर्जी की सबसे ज़्यादा स्थापित उत्पादन क्षमता चीन के पास है, बल्कि पवन ऊर्जा में भी सबसे आगे चीन ही है। पवन ऊर्जा के मामले में भारत पांचवे पायदान पर आता है और सोलर में नंबर 3 पर।

ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर ने रिन्यूबल एनेर्जी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हो रहे एनेर्जी ट्रांज़िशन पर नजर रखने के लिए 2 नए टूल जारी किए। इनमें से एक पवन ऊर्जा ट्रैकर है जो 10 मेगा वाट या उससे अधिक क्षमता वाले वायु ऊर्जा फार्म को कवर करता है। वहीं, दूसरा एक सौर ऊर्जा ट्रैकर है जो 20 मेगा वाट या उससे अधिक क्षमतावाले यूटिलिटी स्केल सौर ऊर्जा फार्म पर नजर रखता है। सरकार, कारपोरेट जगत तथा अन्य सार्वजनिक डाटा के संयोजन से यह दोनों ट्रैकर परियोजना स्तरीय डाटा उपलब्ध कराते हैं ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि दुनिया के विभिन्न देश किस हद तक और किस रफ्तार से सौर तथा वायु ऊर्जा रूपांतरण की दिशा में काम कर रहे हैं।
ग्लोबल विंड पावर ट्रैकर (जीडब्ल्यूपीटी) 144 देशों में 13263 संचालित यूटिलिटी स्केल विंड फार्म फेसेज को अपने दायरे में लेता है, जिनसे 681.7 गीगावॉट बिजली पैदा होती है। साथ ही इसमें 5233 अतिरिक्त प्रस्तावित परियोजनाएं भी शामिल हैं जिनसे 882 गीगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। सबसे ज्यादा क्रियाशील यूटिलिटी स्केल वायु बिजली उत्पादन क्षमता की परियोजनाओं वाले देश इस प्रकार हैं :
- चीन (261.2 गीगा वाट)
- अमेरिका (127.3 गीगा वाट)
- जर्मनी (39.6 गीगा वाट)
- स्पेन (26.8 गीगा वाट)
- भारत (23.7 गीगा वाट)
ग्लोबल सोलर पावर ट्रैकर (जीएसपीटी) 148 देशों में 5190 संचालित यूटिलिटी स्केल सोलर फार्म फेसेज को अपने दायरे में लेता है जिनसे 289.7 गीगावॉट बिजली पैदा होती है। साथ ही इसमें 3551 अतिरिक्त प्रस्तावित परियोजनाएं भी शामिल हैं जिनसे 651.6 गीगावॉट बिजली का उत्पादन होगा सबसे ज्यादा क्रियाशील यूटिलिटी स्केल सौर बिजली उत्पादन क्षमता की परियोजनाओं वाले देश इस प्रकार हैं :
- चीन (130.3 गीगावॉट)
- अमेरिका (43.4 गीगावॉट)
- भारत (29.0 गीगावॉट)
- वियतनाम (11.3 गीगावॉट)
- मेक्सिको (10.5 गीगावॉट)
ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के ग्लोबल विंड पावर ट्रैकर के परियोजना प्रबंधक इनग्रिद बेहरसिन अपनी प्रतिकृया देते हुए कहती हैं, “दुनिया भर में यूटिलिटी सोलर और विंड केपेसिटी को उसके पूरे विस्तार तक जानना एनेर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में हो रही प्रगति को मापने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इस डाटा के साथ अब हम इस बात पर नजर रखने के लिए मजबूत स्थिति में है कि किस तरह से दुनिया के विभिन्न देश अक्षय ऊर्जा से संबंधित अपने ही लक्ष्यों के सापेक्ष काम कर रहे हैं।”
(आलेख स्रोत : क्लाइमेट कहानी।)