कोर्ट में हो माइक- साउंड सिस्टम की व्यवस्था, न्यायाधीश से मांग
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जमशेदपुर: गर्मी की छुट्टियों के कारण अभी भले कोर्ट में भीड़ या केस कम हो, लेकिन एक ज्ञापन चिट्ठी और आरटीआई से न्याय व्यवस्था में सुधार को लेकर एक चर्चा शुरू हो गयी है। यहां के जिला न्यायाधीश को एक विधि छात्र ऋशव रंजन ने पत्र लिखकर मांग की है, कि पूर्वी सिंहभूम जिला न्यायालाय के सभी कोर्ट में माइक और साउंड सिस्टम चालू हो, ताकि आम जनता को अपनी केस सुनने या जानने में तकलीफ ना हो।
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ऋषव इन दिनों गर्मी की छुट्टी में घर आये हुये हैं वे जिला न्यायालय में इंटर्नशिप कर रहे हैं। वे जब मुख्य न्यायधीश के कोर्ट में घुसे तो उन्हें किसी भी केस में वकीलों की दलील सहित जज के त्वरित टिप्पणी कुछ भी पल्ले नहीं पड़ा। इस बाबत उन्होंने इसकी चर्चा अपने वरीय अधिवक्ता रजनीश झा से भी चर्चा की, लेकिन कुछ नही हुआ। एक सप्ताह बाद तंग आकर ऋषव ने एक चिट्ठी सीधे मुख्य न्यायाधीश को लिख दी व उसमें माइक और साउंड सिस्टम के लिए हाई कोर्ट से आए फंड की जानकारी के लिए एक आरटीआई फाइल कर दी। चिट्ठी व आरटीआई रिसीव करते समय कोर्ट स्टाफ का कहना था, कि उन्हें ऐसा कोई फंड नहीं मिलता है। अगर ऐसा है तो हम लिखित जवाब मिलने पर हाई कोर्ट जाएंगे व इसे पूरे राज्य में लागू करवाने की मांग करेंगे। ऋषव कहते हैं कि, मेरे जैसे सैकड़ों विधि छात्र जो कोर्ट में काम सीखने जाते हैं उन्हें काफी दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में हम जैसे कई विधि छात्र जिला न्यायालय से कन्नी काट लेते हैं व ये मनाते हैं कि यहां काम नहीं करने आना पड़े।
ज्ञापन में चार सवाल
- साल 2016- 2019 तक माइक और साउंड सिस्टम के लिए कितना पैसा आवंटित किया गया है ?
- आवंटित किए गए पैसे में कितना जिला न्यायालय द्वारा खर्च किया गया है ?
- अगर अभी तक खर्च नहीं किया गया है तो उसकी कोई योजना है या नहीं ?
- और अगर इसपर काम शुरु हो गया है तो उसकी स्थिति क्या है ?
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Edited By: Samridh Jharkhand