विश्व में जलवायु परिवर्तन से बचने का पौधारोपण सबसे बेहतर उपाय: निरल पूर्ति
कलाईया में आयोजित 75वें वन महोत्सव में शामिल हुए विधायक निरल पूर्ति

वन प्रमंडल चाईबासा द्वारा हाटगम्हरिया वन क्षेत्र के कलाईया में 75वें वन महोत्सव का आयोजन किया गया. वन महोत्सव में शामिल विधायक निरल पूर्ति ने इसे एक सराहनीय कदम बताया.
चाईबासा: विश्व में जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर देखा जा रहा है. इससे बचने के लिए एकमात्र उपाय अधिक से अधिक पौधारोपण है. यह बातें वन प्रमंडल चाईबासा द्वारा शुक्रवार को हाटगम्हरिया वन क्षेत्र के कलाईया में आयोजित 75वां वन महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मझगांव विधानसभा के लोकप्रिय विधायक निरल पूर्ति ने कहा. विधायक ने कहा कि वर्तमान समय विश्व एक नई समस्या जलवायु परिवर्तन से जूझ रहा है और इसके जिम्मेदार हम मनुष्य ही है. लगातार पेड़ों की कटाई और कंक्रीट की जंगल तैयार करने के कारण वायुमंडल में इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है. पृथ्वी के हर कोने में प्राकृतिक आपदा से देश परेशान है, कहीं बहुत अधिक गर्मी पड़ रही है तो कहीं बहुत अधिक सर्दी और कहीं-कहीं तो बाढ़ की समस्या से लोग परेशान हैं. इसको आज हमें समझने की जरूरत है , अन्यथा आने वाले कल में हम पछताने के लायक भी नहीं बचेंगे क्योंकि बहुत तेजी के साथ जंगलों की कटाई हो रही है और हम बड़े-बड़े महल तैयार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, वन विभाग की ओर से इस वर्ष जिला में लगभग 5 से 6 लाख पौधारोपण किया जा रहा है, यह एक सराहनीय कदम है. इसमें समाज को साथ आकर हाथ बढ़ाना चाहिए . जब तक हम जागरूक नहीं होंगे तब तक पौधा रोपण का अभियान सफल नहीं हो सकता. जंगलों की कटाई, जल स्रोतों की सुरक्षा, वन्यजीवों की सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी है. यह एक चैन की तरह पर्यावरण को सुरक्षा रखने में मदद करता है. इसलिए मनुष्य का जिम्मेदारी है कि हम जागरूक होकर वन्य जीव और वन्य संपदा को सुरक्षित रखने में अपना पूरा योगदान दें. इस दौरान विधायक ने पौधारोपण कर लोगों को पौधारोपण के प्रति प्रेरित किया. इस मौके पर वन विभाग के पदाधिकारी, ग्रामीण जनप्रतिनिधि, मानकी मुंडा, झामुमो कार्यकर्ता समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे.