पांच दिवसीय गैर आवासीय विद्यालय नेतृत्व उन्मुखीकरण कार्यशाला
विद्यालय की अंतिम घंटी में चेतना सत्र अवश्य

प्रतिभागी शिक्षक- शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी विद्यालयों के बच्चों को शैक्षिक माहौल अच्छे से नहीं मिल पा रहा है, इसलिए आदर्श प्रार्थना सभा का अवधारणा लाया गया है।
चाईबासा: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), चैनपुर में जिले के विभिन्न प्रखंडों के पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालयों के प्रधान शिक्षक-शिक्षिकाओं का पांच दिवसीय गैर आवासीय विद्यालय नेतृत्व उन्मुखीकरण कार्यशाला चल रहा है। कार्यशाला में विद्यालय संचालन में सहयोगी शिक्षकों, बाल-सांसद एवं विद्यालय प्रबंधन समिति सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित कर बेहतर शैक्षिक वातावरण तैयार करने संबंधी जानकारी के अलावा प्रोजेक्ट इंम्पैक्ट के तहत आदर्श प्रार्थना सभा संचालन की रुपरेखा बताया गया।

डायट के प्रिंसिपल सह सदर अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी मधुकर कुमार ने कार्यशाला के दौरान प्रतिभागी शिक्षक- शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी विद्यालयों के बच्चों को शैक्षिक माहौल अच्छे से नहीं मिल पा रहा है, इसलिए आदर्श प्रार्थना सभा का अवधारणा लाया गया है। इसे विद्यालय में नियमित रूप से संचालित करें।
उन्होंने कहा कि विद्यालय की अंतिम घंटी में चेतना सत्र अवश्य हो। उन्होंने कहा कि विद्यालय में बाल संसद के साथ ही बच्चों को विभिन्न क्लबों यथा- इको क्लब,जल सेना,डांस एंड सिंगिंग क्लब,स्पोर्ट्स क्लब,लिटेरसी क्लब, क्राफ्ट एंड आर्ट्स क्लब आदि से जोड़ें,ताकि बच्चे हर तरह से सक्रिय बने रहें।
कार्यशाला में दिलीप कुमार महतो, कृष्णा देवगम, संजय कुमार जारिका, कैलाश महतो, दिव्या होरो, शबनम सुंडी, मालती सिंकू, सरानी तोपनो, जसिंता कंडुलना, रामराय लागुरी, बसंत सिंकू, राधाकृष्ण बिरुवा, अखिलेश नाग, अंजली गागराई, जैनेन्द्र कुमार बिरुवा, संध्या होरो, शत्रुघ्न पुरती, सुनीता कुमारी, बीरेंद्र आर्य समेत 50 प्रधान शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल हैं। कार्यशाला में अनिल कुमार और महिला सांगा साधन सेवी के रुप में शामिल हैं।