मानसून सत्र में सरना धर्म कोड पारित नहीं करना राजनीतिक षडयंत्र: आदिवासी संगठन

रांची: सरना धर्म कोड (Sarna Dharma Code) की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति समेत अन्य आदिवासी संगठन (Tribal organization) सड़क पर निकल आए हैं. आज 15 अक्टूबर लोगों ने राज्यव्यापी चक्का जाम किया. हालांकि प्रेस, दूध, एंबुलेंस एवं आवश्यक सेवाओं को बंदी मुक्त रखा गया है. मिली जानकारी के अनुसार रांची, गुमला समेत पूरे राज्य के हाईवे, जिले और शहर के इंट्री प्वाइंट को जाम किया गया. केंद्रीय सरना समिति ने मांग किया कि होनी वाली जनगणना (2021 census) में सरना धर्म कोड का स्थान होना चाहिए.

आदिवासी संगठनों का कहना है कि राज्य में 12 करोड़ से अधिक निवास करने वाले प्राकृतिक पूजक आदिवासियों (Natural worshiping tribals) का धर्म कोड नहीं है. अपना धर्म कोड नहीं होने के कारण 10 वर्ष में जब जनगणना होती है तो प्रकृति आदिवासियों की गणना या तो ईसाई धर्म में कर दी जा रही है या हिंदू में या अन्य में. इससे आदिवासियों की संख्या हर 10 साल में बढ़ने की बजाय घटती जा रही है.