अयोध्या : राम मंदिर ट्रस्ट व मसजिद के बारे में वह सबकुछ जो आपको जानना चाहिए

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का एलान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सदस्यीय ट्रस्ट का एलान किया और उसका नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट होगा. वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 15 सदस्यीय ट्रस्ट में एक दलित सदस्य भी होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस विषय में संबोधित करते हुए कहा कि यह विषय मेरे हृदय के करीब है और इस पर बात करना मेरे लिए सौभाग्य का विषय है. उन्होंने कहा कि यह विषय भगवान राम जन्मस्थली से संबंधित है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नौ नवंबर 2019 को जब मैं करतारपुर में था तब मुझे सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम जन्म भूमि के संबंध में दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बारे में पता चला. उन्होंने कहा कि राम लला का ही संबंधित भूमि पर अधिकार होने की बात सुप्रीम कोर्ट ने कही थी और कहा था कि केंद्र व राज्य सरकार परामर्श कर सुन्नी वक्फ बोर्ड को मसजिद निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित करे. पीएम मोदी ने कहा कि आज सुबह इस संबंध में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है.
प्रधानमंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, स्वायत्त ट्रस्ट श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र गठन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. यह भगवान राम की जन्मस्थली पर भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण के लिए निर्णय लेने हेतु पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा. उन्होंने कहा कि मसजिद निर्माण के लिए भूमि आवंटन हेतु उत्तरप्रदेश सरकार से आग्रह किया गया जिसे स्वीकृति दे दी गयी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या कानून के तहत राम लला के भीतरी एवं बाहरी आंगन की कुल भूमि जो 67.703 एकड़ है, को नवगठित तीर्थ क्षेत्र को हस्तांतरित करने का निर्णय मेरी सरकार ने लिया है.
कहां बनेगी मसजिद
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला दिया था. उस फैसले में मूल भूमि राम मंदिर के लिए देने व अयोध्या में ही मसजिद निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि देने का सरकार को आदेश दिया था. इसी आदेश के तहत यह निर्णय लिया गया है कि मसजिद मंदिर स्थल से 25 किमी की दूरी पर अयोध्या के ही धानीपुर गांव में बनेगी. यह जगह लखनऊ हाइवे पर स्थित है, जो जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर है. इसकी जानकारी, यूपी सरकार के मंत्री व प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने दी.
सूत्रों ने बताया कि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मसजिद निर्माण के लिए जो जमीन चुनी है वह 14 कोसी परिक्रमा क्षेत्र या अयोध्या के चारों ओर के 42 किलोमीटर उस क्षेत्र से बाहर है जहां हिंदू श्रद्धालु धार्मिक आयोजनों के दौरान परिक्रमा करते हैं.
मसजिद के लिए तय भूमि को केंद्र व राज्य के कैबिनेट ने मंजूरी दी है. वहां परिवहन की अच्छी व्यवस्था है. सांप्रदायिक सौहार्द्र एवं कानून व्यवस्था की भी अच्छी स्थिति है.