बाल श्रम को खत्म करके भारत वैश्विक निवेश को आकर्षित कर सकता है : कैलाश सत्यार्थी

नयी दिल्ली : नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित जानेमाने बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने आज यहां एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में बाल श्रम को विशेष रूप से सप्लाई चेन में उसके सभी रूपों में समाप्त करके भारत अपने आर्थिक विकास को अतिरिक्त बल प्रदान कर सकता है और कंपनियों से अधिक अंतरराष्ट्रीय निवेश प्राप्त कर सकता है. बाल श्रम के उन्मूलन के बिना न तो आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है और न ही कोई विकास टिकाऊ हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि बाल श्रम को समाप्त करने के लिए कानून तो मौजूद हैं और उन कानूनों के प्रवर्तन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. फिर भी, लोगों का सामूहिक संकल्प बाल श्रम को रोकने में बहुत मददगार हो सकता है.

12 जून को बाल श्रम विरोधी विश्व दिवस पर श्रम और रोजगार मंत्रालय, वीवी गिरी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ लेबर, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री सत्यार्थी ने कहा – व्यवसाय बाल श्रम को कम करने में एक सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं और इसका मांग पर सीधा असर होगा. इस अवसर पर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के भारत के निदेशक वाल्टर डागमार भी मौजूद थे.
इस अवसर पर सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए सत्यार्थी ने कहा कि अगर भारत को एसडीजी गोल 8.7 के तहत 2025 तक बाल श्रम को समाप्त करने की अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता को पूरा करना है, तो इस पर एक स्पष्ट दृष्टि के साथ रोडमैप तैयार करके तत्परता से काम करना होगा. उन्होंने सभी से मिल कर बाल श्रम को समाप्त करने की अपील करते हुए कहा कि सरकारों, व्यवसायों, नागरिक समाज और समुदायों द्वारा आज तत्परता के साथ कार्य करने में विफलता, लाखों बच्चों को शोषण में धकेल देगी और इसका दशकों तक भारत की आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने बाल श्रम विरोधी विश्व दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में श्रम में फंसे बच्चों के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों तक पहुंचने में अवरोध और समाधान विषय पर विशेष सत्र आयोजित किया. नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के उप कुलपति फैज़ान मुस्तफा, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीएल सोनी इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे. जबकि सत्र का संचालन केएससीएफ की निदेशक, प्रशिक्षण ज्योति माथुर ने किया.