दीपिका पादुकोण व मेघना गुलजार की छपाक कैसी है, यहां जानिए


दीपिका पादुकोण अभिनीत और मेघना गुलजार निर्देशित फिल्म 10 जनवरी से देश भर के थियेटर में दिखेगी. इससे पहले इस फिल्म का प्रीमियम शो किया, जिसमें दर्शकों की पाॅजिटिव प्रतिक्रिया आयी है. लोगों को यह फिल्म इस मायने में पसंद आयी है कि दीपिका ने वास्तविक एसिड पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल के चरित्र को बेहद करीब जाकर जिया है. वहीं, निर्देशक ने बिना मूल स्वरूप में बदलाव किए फिल्म को फिल्माया है. फिल्म समीक्षकों का मानना है कि एसिड पीड़िता के किरदार में दीपिका पादुकोण पूरी तरह उतर गयी हैं.
यह फिल्म ऐसे समय में रिलीज हुई है, जब दीपिका के जेएनयू परिसर जाने पर हंगामा मचा हुआ है. फिल्म के दर्शकों का कहना है कि यह काफी संवेदनशील है. छपाक फिल्म में दीपिका पादुकोण के किरदार का नाम मालती है. उनके अपोजिट हैं विक्रांत मैसे जिनका फिल्मी किरदार का नाम अमोल है. विक्रांत के अभिनय की भी सराहना हो रही है.
इस फिल्म में नाटकीयता नहीं है, बल्कि यह मालती के संघर्ष, उसकी इच्छाशक्ति व जीवटता को ही इंगित करती है. दीपिका ने वास्तविक एसिड पीड़िता की जिंदगी की हर बारीकी को पकड़ने की कोशिश की है.
फिल्म में दीपिका पादुकोण का किरदार यह कहते सुना जाता है: नाक नहीं है, कान नहीं है, झूमके कहां लटकाऊंगी. उनका दूसरा डायलाॅग है: कितना अच्छा होता…अगर एसिड बिकता ही नहीं…मिलता ही नहीं…तो फिकता ही नहीं. दीपिका पादुकोण के किरदार के ये डाॅयलाॅग महिलाओं के खिलाफ होने वाले अमानवीय अत्याचार को खिलाफ एक मजबूत फिल्म है.
हालांकि कुछ इक्का-दुक्का दर्शकों ने कहा कि फिल्म का फस्र्ट हाॅफ थोड़ा खींचता है, लेकिन दूसरा हाफ अच्छा है. फिल्म के दर्शक इसे रियलिटी के करीब मान रहे हैं, इसलिए पंसद कर रहे हैं.
फिल्म की कहानी मेघना गुलजार ने ही लिखी है, जबकि शंकर-एहसान-लोय ने इसे इसका संगीत दिया है. ए श्रीकर प्रसाद ने इसका संपादन किया है. मेघना गुलजार व दीपिका पादुकोण दोनों इस फिल्म की निर्माता हैं.