सरना धर्म कोड की मांग को लेकर सीएम हेमंत सोरेन से मिला प्रतिनिधिमंडल

रांची: सरना धर्म कोड (Sarna Dharma Code) की मांग को लेतक जेएमएम के प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से मिला. उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री सोरेन से मांग किया कि सरना धर्म कोड को विधानसभा में पारित कर प्रस्ताव को केंद्र सरकार भेजा जाए. ताकि 2021 में होने वाली जनसंख्या गणना (Population count) में सरना धर्म कोड की कॉलम मौजूद हो. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से कहा कि झारखंड आदिवासी (Jharkhand Adivasi) बहुल राज्य है और यहां की एक बड़ी आबादी सरना धर्म मानती है.

लेकिन इसे अलग धर्म कोड का दर्जा नहीं मिल सका है. इसका असर आदिवासी समाज के धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों (social activities) पर पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समाज के लोग सालों से सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं. इस सिलसिले में विभिन्न आदिवासी संगठनों (Tribal organizations) द्वारा आपको ज्ञापन भी सौंपा भी गया है. ऐसे में सरना धर्म कोड को लागू करने की दिशा में सरकार ठोस पहल करे.
जनगणना में आदिवासियों का अलग धर्म कोड था
जेएमएम के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि 1871 से लेकर 1951 तक की जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड था, लेकिन 1961-62 के जनगणना प्रपत्र से आदिवासी धर्म कोड को हटा दिया गया. इतना ही नहीं 2011 के जनगणना में देश के 21 राज्यों के रहने वाले लगभग पचास लाख आदिवासियों ने सरना धर्म कोड लिखा था. ऐसे में 2021 के जनगणना में भी सरना धर्म कोड दर्ज करने का प्रावधान किया जाए.