भाजपा ने झारखंड में ऐतिहासिक जीत का किया दावा, कहा- संथाल से कोल्हान तक बीजेपी लहर, मिलेगा पूर्ण बहुमत
अजय साह बोले- इंडी गठबंधन का दावा दिन में सपने देखने जैसा
अजय साह ने कहा, लोकसभा चुनाव परिणाम ट्रेलर, पूरी पिक्चर 23 नवंबर को. उन्होंने कहा, लोकसभा से विधानसभा तक भाजपा का मिशन “झारखंड में पूर्ण बहुमत”.
रांची: भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता विनोद पांडे के इस दावे पर प्रतिक्रिया दी है कि इंडी गठबंधन 60 से अधिक सीटें जीतने जा रही है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने इसे “दिन में सपने देखने” जैसा बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले पांच वर्षों से ज़मीन पर हेमंत सरकार के खिलाफ संघर्ष किया है और परिवर्तन यात्रा के दौरान पार्टी को जनता का मूड स्पष्ट रूप से समझ में आ गया है. उनका दावा है कि झारखंड की जनता परिवर्तन के मूड में है और राज्य में भाजपा की लहर चल रही है, जो संथाल से लेकर कोल्हान तक दिखाई दे रही है.
अजय साह ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 51 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की थी. उनके मुताबिक, लोकसभा चुनाव महज एक ट्रेलर था और पूरी फिल्म 23 नवंबर को झारखंड में रिलीज़ होगी, जब राज्य में ऐतिहासिक परिवर्तन होगा और भाजपा दो तिहाई बहुमत से ज़्यादा संख्या के साथ सरकार बनाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड के युवाओं में हेमंत सरकार के खिलाफ आक्रोश है, और यह आक्रोश नतीजों में कई चौंकाने वाले परिणाम ला सकता है. साह का मानना है कि जनता के इस आक्रोश की वजह से हेमंत सोरेन समेत इंडी गठबंधन के कई बड़े नेता अपनी सीटें गंवा सकते हैं और इंडी गठबंधन का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है.
भाजपा प्रवक्ता ने JMM और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन ने चुनाव के पहले चरण में ही अपनी हार स्वीकार कर ली थी. यही कारण है कि पहले चरण के बाद उनके नेताओं के ऊटपटांग बयान आने शुरू हो गए. उन्होंने JMM प्रवक्ताओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि एक प्रवक्ता दूसरे प्रवक्ता के बयान को व्यक्तिगत बता रहे हैं. इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस-JMM पर आरोप लगाया कि उनका घोषणा पत्र चुनाव के ठीक एक दिन पहले जारी हुआ, जो इस बात का संकेत है कि उन्हें पहले से ही हार का अहसास था.
भाजपा ने JMM और कांग्रेस को आत्ममंथन करने की सलाह दी कि जनता ने उनके पिछले पांच साल के कुशासन के खिलाफ परिवर्तन का फैसला क्यों लिया. साह ने कहा कि गठबंधन को चुनाव परिणामों का इंतजार किए बिना अपनी विफलताओं का विश्लेषण करना चाहिए.