सहायक पुलिसकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, धर्मेन्द्र तिवारी मिला प्रतिनिधमंडल

रांचीः राज्य के 12 जिलों में अनुबंध पर कार्यरत सहायक पुलिस कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. नक्सल प्रभावित कई जिलों से रांची के मोरहाबादी मैदान पहुंचे सहायक पुलिस कर्मी आज पांचवे दिन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

जिसमें कुल 2500 सहयक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति शुरूआत में तीन वर्ष के लिए की गयी थी. सहायक पुलिस का मुख्य कार्य अपने गृह थाना क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना तय किया गया था. इसके लिए 6 माह का प्रशिक्षण भी विभाग की ओर से उन्हें दी गयी थी.
परंतु वर्तमान में सहायक पुलिसकर्मियों का सभी थानों में शंतरी का कार्य, वायरलेस ऑपरेटर, मुंशी, गश्ति, दंगा, छापेमारी, चेक पोस्ट, ट्राफिक सहित सामान्य आरक्षी की तरह कार्यों में योगदान लिया जा रहा है. उन्हें मानदेय के नाम पर सिर्फ 10 हजार प्रतिमाह दिया जाता है.
इसके अलावा किसी भी प्रकार का भत्ता व सुविधा नहीं दिया जाता है.उन्होंने अपनी पीडा बताते हुए कहा कि इतने कम मानदेय में उनका तथा परिवार का भरण-पोषण कर पाना संभव नहीं है. सामान्य आरक्षी को अवकाश की सुविधा मिलती है परंतु सहायक पुलिसकर्मियों को इस तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है, यहां तक महिला सहायक पुलिसकर्मियों को मातृत्व अवकाश भी नहीं मिलता है.
सहायक पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि पूर्व की सरकार में उन्हें आश्वासन मिला था कि 3 वर्षों तक उनका कार्य संतोषजनक रहने पर उनकी नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर सहायक पुलिसकर्मियों को सीधे झारखंड पुलिस संवर्ग के आरक्षी के पद पर नियुक्त किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि उनका अनुबंध समाप्त होने के पश्चात सरकार की ओर से कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. इसकी सूचना उन्होंने पत्राचार व अन्य माध्यम से सरकार को दी परंतु इसका जवाब नहीं मिला. पूर्व की सरकार ने भी इनकी नियुक्ति को फंसा कर रख दिया. मूलवासी और आदिवासी कि केवल बात करते हैं. जब सरकार द्वारा उनकी अनदेखी की जाने लगी तो वे वरीय पदाधिकारियों को सूचित कर सामुहिक अवकाश एवं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया.
यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो वे अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए ग़ढ़वा जिले से रांची तक का पदयात्रा करेंगे. उनके ज्ञापन पर भाजमो के केन्द्रीय अध्यक्ष धमेन्द्र तिवारी ने उनकी समस्या व पीड़ा को सरकार तक पहुंचाने में हर संभव सहायोग करने तथा उनकी मांगों को पूरा करवाने का प्रयास करने का आश्वासन दिया.
इनकी मांगे न्यूनतम वेतनमान 10,000 से बढ़ाकर 18000 की जाए 6 महीने में वेतन वृद्धि के साथ सेवा को 60 वर्ष तक स्थाई की जाए. झारखंड पुलिस के सभी नियमावली एवं मूलभूत सुविधाएं दी जाएं.वहीं इस मामले पर धर्मेन्द्र तिवारी ने कहाकि झारखंड सरकार सहायक पुलिस कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा, बढ़ती उम्र और परिवारिक जिम्मेदारियों को देखते हुए इनकी मांगों को स्वीकृत करें. ताकि, यह लोग अपना आंदोलन समाप्त कर अपने गृह जिला अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए राज्य की सेवा में लगे.
दूसरी ओर रांची नगर निगम के नगर आयुक्त से भी आग्रह है कि मोराबादी मैदान में पीने की पानी, शौचालय और स्नान के पानी का जब तक आरक्षी हैं वहां नि:शुल्क व्यवस्था की जाए. सभी हमारे प्रदेश के भाई बहन हैं युवा है बिना स्नान के खुले आसमान में पडे है, महिलाओं को छोटे-छोटे बच्चों के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.