छात्रा को बनाया स्किल फोटोग्राफर, कर रही है एंकर का काम, डीपीआरओ खुद घर से लेकर ऑफिस तक करते हैं स्कॉर्ट

ज्योति चौहान

15 लाख स्टूडियो बनकर हुआ तैयार
ऐसी स्थिति में बोकारो जिला के जिला जनसम्पर्क अधिकारी राहुल कुमार भारती इन दिनों जी खोलकर फिजूल खर्च कर रहे हैं. यह उनकी सारी गतिविधियों को देखने से लगता है. विधायक फंड का हवाला देकर इस महामारी के दौर में उन्होंने अपने कार्यलय में लगभग 15 लाख रुपये की राशि से स्टूडियो तैयार किया है ताकि केबल टीवी पर इसका प्रसारण किया जा सके. पूर्व उपायुक्त मुकेश कुमार के द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था. बोकारो जिले में केबल टीवी प्रसारण के नाम पर इसका उदघाटन किया गया, लेकिन उद्घाटन के पांच- चार महीने बीतने के बाद भी बोकारो जिला प्रशासन का केबल टीबी चैनल स्माइल बोकारो आज भी उपायुक्त बोकारो के फेसबुक प्रोफाइल पर ही सिमट कर रह गया है.
लाखों रुपये पानी की तरह बहा
केबल चैनल खोलने के नाम पर राहुल भारती ने लाखों रुपये पानी की तरह कैमरा, कंप्यूटर और केबल टीवी के लिए जरूरी उपकरणों एवं महंगी एसी, टीवी, सोफा आदि को खरीदने में बर्बाद कर दिया, वो भी संकट की घड़ी में, जब सरकार फिजूलखर्ची पर रोक लगाए हुए है. सबसे कमाल की बात यह है कि पूरे विश्व की मीडिया जब सोशल नेटवर्किंग पर मोबाइल फोन और मोबाइल एप्प के माध्यम से काम कर रही है, कम खर्च पर. ऐसे में डीपीआरओ बोकारो किसके लिए केबल चैनल खोल रहे हैं, वो भी लाखों रुपये खर्च करके. वह भी ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया सोशल मीडिया से जुड़ गई है.
विधायक ने कहा-प्रशासन कोई भी राशि अनुमोदित नहीं
इस संबंध में बोकारो के विधायक बिरंची नारायण की माने तो उन्होंने इस तरह की फिजूलखर्ची के लिए कभी कोई राशि जिला प्रशासन को अनुमोदित नहीं की है. खैर जो भी हो लेकिन डीपीआरओ बोकारो इतने पर भी नहीं माने और इसको चलाने लिए लिए बिना विभागीय अनुमति के कर्मियों की बहाली कर डाली. पूरे राज्य में सरकार प्रवासी मज़दूरों को रोजगार देने को लेकर चिंतित है, वैसी स्थिति में डीपीआरओ बोकारो बिना विज्ञापन, बिना आहर्ता एवं नियोजन नीति के कर्मियों की बहाली अपने अनुसार मनमाने तरीके से कर रहे हैं.
फर्जी डिग्री के माध्यम से हुई नियुक्ती
इनके द्वारा बहाल कर्मियों को जब पैसे का भुगतान करना होता है तो ये उपायुक्त का एक दिन लाइव शो करा कर उनका वेतन निकलवाने का अक्सर प्रयास करते हैं. मामला इतना पर भी खत्म नहीं होता है फर्जी डिग्री के माध्यम से विभाग में गलत तरीके से कर्मियों के रखने की अनुसंसा भी इसके द्वारा विभाग को की जाती है. बिना मॉस कॉम के डिग्रीधारी को इनके द्वारा एसएमपीओ पद के लिए नियुक्ति हेतु विभाग में इनके द्वारा अनुसंसा भी की गयी है. साथ ही गलत तरीके से इनके द्वारा काम भी लिया जा रहा है.
गलत तरीके से किया जा रहा है कर्मियों का वेतन भुगतान
डीपीआरओ द्वारा अपने स्तर से बहाल किये गए कर्मियों को वेतन भुगतान हेतु डीएमएफटी फंड का सहारा लिया जा रहा है. दरसल डीएमएफटी फंड का इस्तेमाल पिछड़े जिलों के विकास के लिए होता है और इसे केंद्र सरकार जिला को देती है. वैश्विक महामारी कोरोना का हवाला देकर स्माइल बोकारो केबल टीवी के लिए रखे गए कर्मियों एवं स्टुडियो हेतु डीपीआरओ द्वारा डीएमएफटी फंड का सहारा लिया जा रहा है.
महिला कर्मी को रखने के लिए विभाग के पुरुष कर्मियों को दिखया बाहर का रास्ता
बोकारो जिले में अब आम लोग भी समझने लगे हैं कि जिला प्रशासन द्वारा सूचना भवन में चलाया जा रहा स्माइल बोकारो चैनल की हकीकत. दरसल इस चैनल की नींव रखने की स्क्रीप्ट डीपीआरओ बोकारो राहुल भारती ने तब से रचनी आरम्भ कर दी जब सोशल मीडिया के बोकारो अपडेट्स न्यूज़ पोर्टल की एंकर और कैमरा मैन जब विधानसभा चुनाव में डीपीआरओ से मिली.
डीपीआरओ ने इनको रखने के लिए एक गहरी साजिश रचते हुए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से पदस्थापित एपीआरओ एवं एसएमपीओ को काम नहीं करने का इल्जाम लगाकर उनकी सेवा वापस कर दी. उपायुक्त को काम का हवाला देकर एंकर, कैमरामैन तथा डिजाइनर को रख लिया. वह भी बिना किसी नियम कानून और विभागीय अनुमति के. फिलहाल इस मामले की खबर पर संज्ञान लेते हुए विभाग द्वारा जांच कमेटी गठित कर दी गयी है.
डीपीआरओ ने पक्ष देना मुनासिफ नहीं समझा
बोकरो के डीपीआरओ राहुल कुमार भारती से इस विषय में उनका पक्ष लेने की दो बार कोशिश की गई. लेकिन उन्होंने दोनों ही बार यह कहकर फोन कट कर दिया कि शाम में फ्री होकर बात करता हूं. जब दिए गए समय पर कॉल किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव करने मुनासिफ नहीं समझा. जरुरत पड़ने पर उनकी ऑडियो भी सार्वजनिक की जाएगी.