राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने के बाद मानसिक संतुलन खो दिये हैं रघुवर दास : कांग्रेस

रांची: राज्य में दो सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव (Assembly by-election) की गर्मी पार्टी कार्यलय में देखी जा रही है. पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे है. चुनाव प्रचार की आखाड़ा पार्टी कार्यलय बन गई है. कुछ ऐसा ही नजारा कांग्रेस के झारखंड प्रदेश कार्यलय में दिखी जब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Executive Chairman Rajesh Thakur) ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि राज्य सरकार का 1417 को रुपए काट करने से झारखंड सरकार (Government of Jharkhand) को परेशान करने के साथ-साथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिश किया जा रहा है.\

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (central government) की रवैय की वजह से संघीय ढांचा का भी नुकसान पहुंच रहा है. झारखंड के अलावा कई राज्य हैं जिनका बकाया राशि अधिक है. लेकिन लेकिन उन राज्यों में पैसा की कटौती नहीं की गई है. दूसरी और त्रिपक्षीय समझौते (Tripartite agreement) के नाम पर काटी गई राशि उस समय केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार थी और राज्य में रघुवर सरकार ने इस तरह का गलत समझौता किया है.
मानसिक संतुलन खो दिये हैं रघुवर दास
केंद्र सरकार झारखंड को आर्थिक कमजोर (Financial weak) बनाना चाहती है. लेकिन इससे राज्य के लोग डरने वाले नहीं हैं. बल्कि कांग्रेस झारखंड में हो रहे उपचुनाव के बाद आंदोलन करने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार को ऐसे ही चुपचाप बैठने नहीं दिया जाएगा. जनविरोधी फैसले के कारण रघुवर सरकार राज्य से चली गई थी. उसी प्रकार केंद्र से मोदी सरकार भी जायेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Chief Minister Raghuvar Das) पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि राज्य से बीजेपी सरकार के विदाई के कारण उनका मानसिक संतुलन खो दिया है. जिस तरह से वह बयान दे रहे हैं, उससे यह लगता है कि वह जानबूझकर चाहते हैं कि लोग प्रधानमंत्री को अपशब्द कहे लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है. जिस प्रकार राज्य बनने के बाद वे अपना संतुलन खो दिया था. उसी तरह से अब भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्होंने फिर से अपना संतुलन बिगाड़ दिया है.
राज्य ने केंद्र में मोदी सरकार बनाने के लिए 12 सांसद दिए, लेकिन झारखंड सरकार 1441 करोड़ रुपये काटे जाने पर केन्द्र सरकार के बारे में एक शब्द नहीं बोला. उन्होंने कहा कि राज्य की बड़ी राशि जीएसटी, रॉयल्टी, लगान एवं अन्य मद में केंद्र सरकार के पास बकाया है. लेकिन उस राशि का समायोजन (Amount adjustment) ना कर 1417 करोड़ रुपए काट लिया जाना, राज्य की गरीब जनता के साथ बेईमानी है.
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