एकीकृत बिहार के समय ही बन रहे चांडिल हाइडल पॉवर प्लांट का काम ठप, सीएम के संज्ञान के बाद जागा जेरेडा

रांची : चांडिल में आठ मेगावाट क्षमता के हाइडल पॉवर प्लांट का निर्माण एकीकृत बिहार के समय ही हो रहा था, लेकिन 21 साल बाद भी इससे बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी। अबजब हाल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उस क्षेत्र के दौरे पर गए और उन्हें स्थानीय स्तर पर इसकी जानकारी दी गयी तो उन्होंने जेरेडा से इसका बारे में जानकारी मांगी है, जिसके बाद रिनुबल इनर्जी के लिए काम करने वाली राज्य सरकार की यह एजेंसी हरकत में आयी है।

चांडिल हाइडल पॉवर प्लांट का निर्माण एकीकृत बिहार के समय बिहार हाइड्रो पॉवर कॉरपोरेशन द्वारा कराया जा रहा था। इसी दौरान 2000 में अलग झारखंड राज्य का गठन हो जाने के बाद इसका काम ठंडे बस्ते में चला गया। एक बार बीच में बिहार हाइड्रो पॉवर कॉरपोरेशन ने काम शुरू किया लेकिन फिर झारखंड सरकार की एजेंसी जेरेडा को इसे सौंप दिया गया।
अब जेरेडा द्वारा इसके लिए कंसलटेंट नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। चांडिल में दो-दो मेगवाट क्षमता की दो यूनिटें हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दो से तीन महीने में यहां से बिजली उत्पादन शुरू हो सकता है, क्योंकि आवश्यक संसाधन व तंत्र पहले से लगे हुए हैं।