किडनी चोरी के आरोप में सुर्खियों बना सैम्फोर्ड अस्पताल, जांच में जुटी पुलिस

कोरोना के कारण देश के साथ-साथ राज्य की स्थिती गंभीर हो रही है. कोरोना से निपटने में डॉक्टर, नर्स, अस्पातल और पुलिसकर्मी को भूमिका को देश के पीएम के साथ-साथ जनता ने सराहा है. लेकिन कुछ ऐसे भी अस्पातल कोरोना काल में सामने आ रहे हैं जो अपने काले कारनामे के कारण सभी हॉस्पिटल की सेवा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिए है.

कुछ ऐसा ही मामला रांची कोकर चौक स्थित सैम्फोर्ड अस्पताल से आया जहां मरीज को बेहोशी के हालत में किडनी निकालने का शक जाहिर करते हुए लिखित शिकायत की. है. सदर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है.
क्या हैं मामला
मिली जानकारी के अनुसार हजारीबाग निवासी मोहम्मद गुलजार की मौत इलाज दौरान हो गयी. यह सूचना मिलने के बाद परिजनों जमकर हंगामा किया और कहा कि ने सिर की जगह पेट का ऑपरेशन क्यों किया गया. और अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कि मरीज की किडनी निकाली गयी है. हंगामा की सूचना पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया गया.
पोस्टमार्टम का हो वीडियोग्राफी
वहीं मरीज के परिजन ने कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी होनी चाहिए. वहीं पुलिस का कहना है कि परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये शव अपने साथ ले जाना चाहते थे, लेकिन किडनी चोरी का आरोप लगाया है. वही मृतक सड़क दुघर्टना में घायल होकर अस्पताल में भर्ती हुआ था, इसलिए पोस्टमार्टम जरूरी. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.
क्या कहना है अस्पातल प्रबंधन का
वहीं अस्पातल प्रबंधन का कहना है कि मरीज के सिर में चोट लगने पर परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था. मरीज के सिर में ज्यादा चोट लगने से सेरेब्रल इडिमा हो गया था, जिसका ऑपरेशन बेहद जरूरी था. सिर के स्कल बोन को बोन बैंक में रखा गया है, जिसका उपयोग दूसरी सर्जरी में किया जाता. सूई से पेट में मार्किंग की गयी थी, चीरा नहीं लगाया गया था. इसी दौरान मरीज की मौत हो गयी. किडनी निकालने का आरोप पूरी तरह निराधार है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सब स्पष्ट हो जायेगा. मरीज के परिजनों को 50 हजार रुपये की छूट भी दी गयी.