Ranchi News: ‘मूट कोर्ट प्रतियोगिता’ में NUSRL ने फहराया विजय का परचम
प्रतियोगिता में देश भर के 76 विश्वविद्यालयों ने लिया भाग

प्रतियोगिता का विषय पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया और वित्त अधिनियम, 2021 द्वारा लाए गए संशोधनों के प्रकाश में धारा 148 और 148A की संवैधानिक वैधता के चारों ओर केंद्रित था.
रांची: राष्ट्रीय विधि अध्ययन और अनुसंधान विश्वविद्यालय, रांची (NUSRL) ने हाल ही में मुंबई में आयोजित 14वें पद्म विभूषण एन.ए. पालकीवाला मेमोरियल राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में जीत हासिल की. इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण बार एसोसिएशन के सहयोग से किया था, जिसमें देशभर के 76 विश्वविद्यालयों ने भाग लिया.

प्रतियोगिता का विषय पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया और वित्त अधिनियम, 2021 द्वारा लाए गए संशोधनों के प्रकाश में धारा 148 और 148A की संवैधानिक वैधता के चारों ओर केंद्रित था. टीम के कानूनी तर्क और गहन अनुसंधान ने उनके विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
कोलकाता विश्वविद्यालय के विधि विभाग को उपविजेता का स्थान प्राप्त किया है. लॉ कॉलेज देहरादून को द्वितीय उपविजेता का पुरस्कार मिला. अन्य उल्लेखनीय पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल, सिम्बायसिस लॉ स्कूल, हैदराबाद को, सर्वश्रेष्ठ वक्ता, नारसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, बैंगलोर के आकाश श्रीवास्तव को, और सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता का पुरस्कार कोलकाता विश्वविद्यालय की ज़ीनत तस्निम को दिया गया.
समापन समारोह में कानूनी प्रथा के बदलते परिदृश्य पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें यह बताया गया कि कैसे मूटिंग सक्षम अधिवक्ताओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. पैनल में कानूनी विशेषज्ञों जैसे कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के. गोपाल, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स के उपाध्यक्ष समीर जानी, और वकील निकिता भादेका शामिल थे.
यह शानदार उपलब्धि NUSRL के छात्रों और फैकल्टी की मेहनत और समर्पण को उजागर करती है Hon'ble वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) अशोक आर. पटिल ने बधाई देते हुए कहा, छात्रों की कड़ी मेहनत शानदार प्रस्तुति और मूट कोर्ट संयोजक सोनी भोला के मार्गदर्शन में छात्रों ने यह जीत हासिल की है. उनकी इस जीत ने अकादमिक उत्कृष्टता के लिए एक सहायक वातावरण बनाने में सहयोग किया है.