झारखंड में पहली बार निगम ने एचईसी मुख्यालय की बिजली काटी, जाने पूरा मामला

राँची: झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा मंगलवार दोपहर 1:50 बजे से 10:50 बजे तक एचईसी के प्लांट और मुख्यालय की बिजली काट दी गई । इससे उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया। निगम के मुताबिक एचईसी पर बिजली बिल के 129.42 करोड़ रुपये बकाया है। एचईसी (HEC) ने जनवरी 2020 के बाद बिजली बिल का भुगतान नही किया है। इसलिए यह कार्यवाई की गई है। झारखंड (Jharkhand) के इतिहास में यह पहला मौका है, जब एचईसी की बिजली काटी गयी है। इससे पहले संयुक्त बिहार (Bihar) के समय करीब चार घंटे बिजली काटी गयी थी, जब इसे बीमारू कंपनियों की सूची में डाल दिया गया था।

ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार (Energy Secretary Avinash Kumar) ने बताया कि एचईसी को बकाए का भुगतान करने के लिए लगातार नोटिस दिया जा रहा था। लेकिन भुगतान नहीं किया इसी कारण बिजली बंद की गई। एचईसी प्रबंधक के आग्रह और बकाये राशि के भुगतान करने के आश्वासन पर 9 घंटे बाद रात साडे 10:50 बजे बिजली बहाल कर दी गई। गौरतलब है कि 5 माह पहले उद्योग निदेशक की अध्यक्षता में निगम और एचईसी प्रबंधन के बीच बैठक हुई थी इसमें एचईसी ने कहा था कि वह जलद बताएगा कि भुगतान कैसे होगा इसकी बुधवार को फिर बैठक होनी है ।
नीगम ने बताया की हर महीने 3.5 करोड़ रुपए का एचईसी से बिल आता है लेकिन 20 महीने से उन्होंने इसका भुगतान ही नहीं किया। एचईसी ने बिजली का 16 केवीए लोड का कनेक्शन लिया हुआ है जूलाई में भी 2.99 करोड़ का बिल आया था । जेबीवीएनएल के राँची एरिया जीएम पीके श्रीवास्तव (PK Srivastava) ने बताया कि ऐचईसी को 20 माह से मौका दिया जा रहा है। वह ना तो रूटीन बिल का भुगतान कर रहे थे और ना ही एरियर का । नोटिस देने के साथ ही निगम के अधिकारियों ने एचईसी के अधिकारियों से मिलकर भी बिल भुगतान करने का आग्रह किया था फिर भी भुगतान नहीं हुआ । उन्होंने कहा कि निगम रोज बकायेदारों के करीब 500 कनेक्शन काट रहा है।
एचईसी को कितना हुआ नुकसान
एचईसी के कंपनी सेक्रेटरी सह प्रवक्ता अभय कंठ (Abhay Kanth) ने कहा कि बिजली काटे जाने से तीनों प्लांट बंद हो गए। उत्पादन ठप रहने से एक दिन में करीब एक करोड़ का नुकसान हुआ। प्लांट में डिफेंस के उपकरण के लिए हीटिंग का काम चल रहा है। बिजली नहीं रहने से मेटल बर्बाद हो गए । फर्नेस और दूसरी बड़ी मशीनें भी बंद हो गई । जिन्हें 24 घंटे चालू रहना जरूरी है । अगर जल्दी ही बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हुई होती तो फर्नेस में डाले गए उपकरण भी खराब हो जाते और एचईसी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था। फर्नेश में विस्फोट भी हो सकता था।