रांची, चतरा, कोडरमा से भाजपा क्यों नहीं तय कर पा रही अपने उम्मीदवार…?
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चन्दन चौधरी
रांची : लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बजे अब लगभग एक माह बीतने को है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में उतरने को लेकर रेस हो चुकी हैं। जाहिर सी बात है वर्तमान में सत्ता में काबिज भाजपा सरकार भी इसकी तैयारी में जुटी है। लेकिन जहाँ एक और सभी पार्टियां अपने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर रही है वही दूसरी ओर भाजपा ने अबतक रांची, चतरा और कोडरमा सीट से अपने उम्मीदवार नहीं दिए है।
इसके कारण प्रदेश स्तर पर भाजपा की छवि खराब हो रही है। लोगों की सुने तो यहां तक कह रहे है कि भाजपा के पास रांची, चतरा और कोडरमा के लिए कोई योग्य कैंडिडेट ही नहीं है। हालांकि राजद से भाजपा में शामिल हुई अन्नपूर्णा देवी को कोडरमा एवं गिरिनाथ सिंह को चतरा सीट से चुनाव लड़ाने की हवा जरूर बह रही है। लेकिन अबतक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं होने के कारण इन सीटों पर संशय बना हुआ है।
राजधानी रांची की बात करें तो यहाँ से कभी आदित्य साहू, कभी संजय सेठ, कभी नवीन जायसवाल तो कभी रांची विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अमर चौधरी के नाम पर लगातार मंथन चल रहा है। इनसब के बीच बीजेपी अबतक एक अंतिम निर्णय पर नहीं पहुँच सकी है। इसके पीछे की वजह चाहे जो कोई भी हो पर सौ बात की एक बात “अब इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है जिस कारण कहीं न कहीं पार्टी की छवि भी खराब हो रही है।” भाजपा ने 14 में से 10 उम्मीदवार का नाम पहले ही फाइनल कर दिया है। एक सीट पर आजसू से चंद्रप्रकाश चौधरी उम्मीदवार है। जबकि तीन लोकसभा क्षेत्रों के उम्मीदवार पार्टी को घोषित करना अभी बाक़ी है। भाजपा समर्थक से लेकर विपक्षी पार्टियां भी बीजेपी के उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।
प्रत्याशी घोषित करने में सबसे आगे चल रही भारतीय जनता पार्टी की अब झारखंड के तीन सीटों पर उम्मीदवार नहीं देने से किरकिरी होने लगी है।
चतरा में बीते 2 अप्रैल से नामांकन भी शुरू हो गया है। चतरा में अबतक 20 नॉमिनेशन फॉर्म निर्गत किये जा चुके है। कुछ निर्दलीय तो कुछ छोटी पार्टियां अपने उम्मीदवार को पर्चा भरवा रही है। शुक्रवार को राजद से सुभाष यादव भी पर्चा दाखिल करने पहुचेंगे। लेकिन इन सबके बीच सवाल वही आकर रुक जाता है कि आखिर भाजपा के प्रत्याशी कहां है ?

आगामी 29 अप्रेल को चौथे चरण में चतरा संसदीय क्षेत्र में मतदान होने है। प्रत्याशियों के पास सिर्फ 25 दिन का ही समय है। ऐसे में समय अब काफी कम है। यदि भाजपा अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा जल्द नहीं करती है तो फिर प्रत्याशियों पर दवाब बनेगा। उन्हें प्रचार का ज्यादा वक्त नहीं मिल सकेगा।
Edited By: Samridh Jharkhand