झारखंड के 12 जिलों में आज से शुरू हुआ फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान

स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से दवा खाने की की अपील

मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम प्रारंभ होने पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्वयं फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन किया और कहा हमारी राज्य सरकार महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु निरंतर प्रयत्नशील है।
झारखण्ड सरकार फाइलेरिया उन्मूलन हेतु प्रतिबद्ध है।आइये #MDA कार्यक्रम को सफल बनायें।@HemantSorenJMM @NHM_JHARKHAND @dc_simdega @GiridihDc @DCChatra @DumkaDc @DCEastSinghbhum @DC_Chaibasa @dc_garhwa @dcgodda @DC_Hazaribag @DCkhunti @DC_LOHARDAGA @DC_Ranchi #IndiaWillEndLF pic.twitter.com/WL42jm6sXy
— Banna Gupta (@BannaGupta76) August 23, 2021
सरकार इस कठिन कोरोना काल के समय में दूसरी स्वास्थ्य योजनाओं के प्रति भी अति संवेदनशील है और इनके उन्मूलन के लिए निरंतर कार्यक्रम चला रही है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार फाइलेरिया उन्मूलन के लिए अथक प्रयास कर रही है।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम प्रतिबद्ध हैं और इस बात के लिए पूरी तरह आश्वस्त हैं कि झारखंड से फाइलेरिया का उन्मूलन बहुत जल्द होगा। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन प्रशिक्षित दवा प्रशासकों के सामने ही करें एवं समृद्ध झारखंड, स्वस्थ झारखंड, उन्नत झारखंड की परिकल्पना को साकार बनाएं।
उन्होंने कहा कि 23 अगस्त से प्रारंभ किये गए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम में राज्य के 11 जिलों में दो दवा यानी डीईसी और अल्बेंडाजोल और सिमडेगा में तीन दवा यानी डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन दवाएं लाभुकों को प्रशिक्षित दवा प्रशासकों द्वारा कोविड-19 के आदर्श मानकों का अनुपालन करते हुए अपने सामने ही खिलाई जा रही है और इस बात पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि कोई भी लाभुक खाली पेट दवा बिलकुल न खाए।
आज मैंने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन किया,आप सभी से अनुरोध है कि आप भी दवा का सेवन अवश्य करें।@HemantSorenJMM @dc_simdega @GiridihDc @DCChatra @DumkaDc @DCEastSinghbhum @DC_Chaibasa @dc_garhwa @dcgodda @DC_Hazaribag @DCkhunti @DC_LOHARDAGA @DC_Ranchi #IndiaWillEndLF pic.twitter.com/BJl5iy5o6w
— Banna Gupta (@BannaGupta76) August 23, 2021
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक उमाशंकर सिंह ने कहा कि फाइलेरिया एक सार्वजानिक स्वास्थ्य की जटिल समस्या है और इसके सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है तथा दृढ़संकल्पित है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, झारखंड द्वारा राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 23 अगस्त से 27 अगस्त के बीच फाइलेरिया प्रभावित 12 जिलों में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। 11 जिलों में दो दवायें यानीडीईसी और अल्बेंडाजोल और सिमडेगा में तीन दवाएं यानी डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन के साथ मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम कोविड-19 के मानकों का अनुपालन करते हुए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की सफलता तभी संभव है जब इसमें जन सहभागिता हो। उन्होंने सभी लाभुकों से अपील की कि वे दवा प्रशासकों के सामने ही फाइलेरिया रोधी दवाएं खाएं। एक साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर सभी को दवा प्रशासकों के सामने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना है।
डॉ एसएन झा राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, भीबीडी झारखंड ने बताया कि इस एमडीए कार्यक्रम को पूर्णतया सफल बनाने के लिए जिला स्तर पर सभी ज़रूरी तैय्यारियाँ की जा चुकी हैं। उपरोक्त 12 जिलों की लगभग 2 करोड़ 2 लाख की आबादी के कुल 1 करोड़ 78 लाख लक्षित लाभुकों को फ़ाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन करवाने हेतु 12 जिलों में कुल 71, 234 कर्मियों और कार्यक्रम की निगरानी हेतु कुल 7, 123 पर्यवेक्षक लगाये गए हैं तथा किसी भी विषम परिस्थितियों से निबटने के लिए सभी जिलों में रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। कार्यक्रम के दौरान गुणवत्ता बनाए रखने हेतु हर दिन ब्लॉक स्तर पर बैठक की जाएगी। इसके साथ ही इस कार्यक्रम की सफलता के लिए संबंधित विभागों एवं सहयोगी संस्थाओं के संयुक्त प्रयास का लाभ भी लिया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान कोविड19 के प्रसार को रोकने के लिए सभी सुरक्षा सावधानियों, जैसे – स्वच्छता, मास्क और दो गज की दूरी को अपनाने के महत्व को ध्यान में रखा जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पात्र लाभुक दवाओं का सेवन दवा प्रशासकों के सामने ही करें।
उन्होंने कहा, आशा है कि स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स, सहयोगी संस्थाओं और समुदाय के सहयोग से शत-प्रतिशत लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाए जाने के उद्देश्य में राज्य अवश्य सफल होगा।