दिल्ली का मिंटो रोड ब्रिज 29 दिनों में गिरने वाला ‘हमारा’ बनाया हुआ पुल नहीं है, पर हम तो पानी निकालने में भी नाकाबिल हैं…


कनाट प्लेस से नयी दिल्ली स्टेशन को जाने वाले रास्ते पर मिंटो ब्रिज है. इस ब्रिज के नीचे से गुजरने के साथ ही आप कनाट प्लेस के एरिया से निकल जाते हैं. नजदीक से सामान्य दिखने वाले इस पुल का निर्माण अंग्रेजों के समय हुआ था और यह हम भारतीयों के द्वारा बनाया गया ऐसा पुल नहीं है जो 29 दिन में भरभरा कर गिर जाए. उसके नीचे की जो अव्यवस्थाएं है, वह स्थानीय शासन एवं प्रशासन की हैं. आज की घटना के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंप से पानी निकलवाने की बात कही और उस पर चर्चित लेखिका व पत्रकार मृणाल पांडेय ने तंज भी कहा.
मिंटोब्रिज अंडरपास में भई संतन की भीर,
केजरीवाल मॉनीटर करें, पंप करावें नीर। https://t.co/0NPp0h865d— Mrinal Pande (@MrinalPande1) July 19, 2020
सात बरस बीत चुके। बुलेट ट्रेन छोड़िए, डी. टी. सी. की बसै बिन डूबे चलवा दीजिए। https://t.co/Q3eD1jI0OP pic.twitter.com/FfgaxyBvCY
— Mrinal Pande (@MrinalPande1) July 19, 2020
मिंटो ब्रिज का निर्माण भारत में ब्रिटिश वायसराय लाॅर्ड मिंटो के नाम पर हुआ था. लार्ड मिंटो 1905 से 1910 तक भ्ज्ञारत के वायसराय रहे थे.
Tell me again why exactly the Bus driver has to drive through this? And tell me again why exactly this shameful spot, which is chronic offender for decades that we remember, is closed for good during the rains?#BeyondWords https://t.co/VttqbjuMXW
— Yashwant Deshmukh 🇮🇳 (@YRDeshmukh) July 19, 2020
जिस ड्राइवर की ब्रिज के नीचे के जल जमाव में मौत हुई उनका नाम कुंदन सिंह हैं. पिथौरागढ के रहने वाले 55 वर्षीय कुंदन सिंह परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे और उनके दो भाइयों की पहले ही सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. उनके परिवार में उनके माता-पिता व दो बेटियां हैं.
Since my childhood I have seen almost every year, photographs of DTC bus submerged in water under Minto bridge during monsoon. Why can’t engineers, town planners & civic agency officials fix it?
Let only one agency, whose name should be prominently displayed there, own & fix it. pic.twitter.com/XLdTvteVro— Dr. Muktesh Chander, IPS (@mukteshchander) July 19, 2020
मिंटो ब्रिज के नीचे आज जैसा जल जमाव का दृश्य दिखा वैसा ही दृश्य दिखाने वाली 30 साल पुरानी तसवीर दिल्ली के स्थानीय अखबार नवभारत टाइम्स ने अपने वेबसाइट पर दी है और सवाल उठाया है कि इतने सालों में भी कुछ नहीं बदला. उस समय भी एक बस बिल्कुल उसी तरह पानी में डूबी थी.
No Delhi monsoon is complete without a “bus stuck under Minto bridge” story. Thankfully this year is no different. https://t.co/0bD9lEwQEq
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 19, 2020
आज की यह तसवीर दिल्ली का चुनौतीपूर्ण व दर्दनाक चेहरा दिखाता है, जिसे हमेशा ढकने की कोशिश की जाती है, चाहे सरकार किसी की हो. तो हमारी अपील इतनी है ही है कि छोड़िए काशी को क्योटो बनाना, दिल्ली को तो दिल्ली बनाए रखिए.