ढोल व शहनाइयों से गूंज रहे हैं गांव- शहर
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-राजेश कुमार मेहता
डोमचांच: शुभ लगन के मौके पर विवाह करने आई जोड़ियों का जत्था शिव शक्ति धाम नावाडीह मंदिर में उमड़ पड़ी। यहां शदियों का दौर शुरू हो चुका है। दिन- रात मिलाकर यहां इस दिन अधिकाधिक जोड़ियो के विवाह होने की संभावना जताई जा रही है। विवाह संपन्न कराने व शिरकत करने वाले लोग की भीड़ माता के दरबार में दिन भर लगी हुई है। सभी पूजा- अर्चना में व्यस्त रहे। गौरतलब है कि यहां लगन भर लोगों का मेला रहता है।
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मंदिर मे झारखंड और बिहार के कई शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपने- अपने पुत्र- पुत्रियों के विवाह रचाने आते हैं। शहरों में शहनाई और ढोल की आवाज गूजंने लगी है। ये तमाम मंजर लोगों को स्वतः अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। जिसके पीछे दूल्हे- दुल्हन के सिर पर ताज छिपा रहता है। शहनाई- ढोल की आवाज मानो दो आत्माओं के अटूट बंधन का संदेश देता है। सनातन धर्म में होने वाले शुभ कार्यों में शहनाई व ढोल का महत्व काफी शुभ माना जाता है।
शुभ कार्यों की खुशी पल में शहनाई की सुरीली आवाज व ढोल की ढम- ढम दूल्हा- दुल्हन को सुहागन होेते लोगों को देखने का मन करता है। वैवाहिक कार्यक्रम वाले घरों में महिलाओं की टोली एक साथ बाहर निकलती हैं, जिसे आस- पास पड़ोस में घुमाया जाता है। लोगों के घरों में होने वाले शुभ कार्य का संदेश देता है, इसी अवसर पर दोनों पक्ष के लोगों में एक नए मेहमान के आने का संदेश देता है, बेसब्री से इस वाक्या का इंतजार होता है, कि वर- वधु पक्ष के लोगों द्वारा इसकी तैयारियां एक माह पूर्व से ही की जाती हैं।
Edited By: Samridh Jharkhand