पति मधु के बाद पत्नी गीता ने रचा इतिहास
On

-पहली आदिवासी महिला सांसद बनी
स्टेट ब्यूरो: झारखंड में निर्दलीय मुख्यमंत्री बनकर मधु कोड़ा ने इतिहास रचा था, वहीं प्रचंड मोदी लहर के बावजूद उनकी पत्नी गीता कोड़ा ने न, सिर्फ कांग्रेस की टिकट पर सिर्फ वहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ को 72 हजार 155 मतों से हराया, बल्कि सिंहभूम सीट से पहली महिला सांसद बनने का गौरव भी हासिल किया। इन्होंने कोल्हान से आदिवासी सांसद बनकर एक नया इतिहास रच दिया है।
गीता कोड़ा मानती हैं, कि ये इतिहास उन्होंने नही, अपितु जनता से रचा है। उनके पति मधु कोड़ा भी जनता को ही जर्नादन मानते हैं। जीत के बाद चाईबासा में समर्थकों व कार्यकर्ता पूरे जोश में हैं। गीता ने भी महिलाओं के साथ आदिवासी नृत्य कर उनका अभिवादन स्वीकार किया। ये कहती हैं, कि अब तक जो क्षेत्र का विकास नही हुआ व जो मुद्दे संसद में नही उठे, वे उठायेंगी। क्षेत्र में काम होगा। गौरतलब है कि सिंहभूम लोकसभा सीट पर 12 मई को छठे चरण में मतदान हुआ था। यहां से कुल 9 प्रत्याशी मैदान पर थे। 68.66 प्रतिशत बंपर वोटिंग हुई।[URIS id=8357]
अब तक के आंकड़े
1957 से 1977 तक यहां पर झारखंड पार्टी ने अपना बर्चस्व कायम रखा। इसके बाद 1957 में शंभू चरण, 1962 में हरी चरण सोय, 1967 में कोलाई बिरुआ, 1971 में मोरन सिंह पूर्ति व 1977 में बागुन सुंब्रई चुनाव जीते। 1980 में बागुन कांग्रेस का दामन थामकर संसद पहुंचे, इसके बाद क्रमश: 1984 व 1989 में चुनाव जीते। चार बार बागुन सांसद रहे, लेकिन 1991 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कृष्णा मार्डी ने इनसे ये सीट छीन ली। 1996 में पहली बार इस सीट पर बीजेपी का खाता खुला व चित्रसेन सिंकू भाजपा सांसद बने। 1998 में कांग्रेस ने पुर्नवापसी की व विजय सिंह सोय सांसद बने। 1999 में बीजेपी की टिकट पर लक्ष्मण गिलुवा जीते व फिर बागुन सुंब्रई फिर 2004 में कांग्रेस के टिकट पर पांचवीं बार संसद पहुंचे। 2009 में इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मधु कोड़ा जीते। इसके बाद 2014 में बीजेपी के लक्ष्ण गिलुवा सांसद बने। इसके बाद 2019 में मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा संसद पहुंची हैं।
Edited By: Samridh Jharkhand