निर्भया केस : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी अक्षय की क्यूरेटिव पिटिशन

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले के एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की क्यूरेटिव पिटिशन को खारिज कर दिया. उसने अपनी याचिका में अपनी मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने की मांग की थी.
Supreme Court dismisses curative petition of Akshay Kumar Singh, one of the convicts in Delhi 2012 gangrape case. pic.twitter.com/mhUuv9eZPF— ANI (@ANI) January 30, 2020
सुबह की खबर
नयी दिल्ली : 2012 के दिल्ली निर्भया गैंगरेप कांड के एक दोषी अक्षय की क्यूरेटिव पिटिशन पर आज सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की पीठ सुनवाई करेगी. अक्षय ने अपनी क्यूरेटिव पिटिशन में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग रखी है. मालूम हो कि अदालत ने निर्भया मामले के चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनायी है और इसके लिए डेथ वारंट जारी कर दिया गया है. डेथ वारंट की तारीख पहले 22 जनवरी थी फिर इसे बढाकर एक फरवरी, सुबह छह बजे किया गया है.
इस मामले के विभिन्न दोषियों ने अपने-अपने तरीके से अदालत में अपील की. दो दोषी मुकेश व विनय की क्यूरिटिव पिटिशन अदालत से खारिज भी की जा चुकी है.
2012 Delhi gang-rape case: Supreme Court’s five-judge bench, headed by Justice NV Ramana, to hear today the curative petition of one of the convicts, Akshay seeking commutation of his death sentence to life imprisonment. pic.twitter.com/nnxQeigoSW
— ANI (@ANI) January 30, 2020
वहीं, निर्भया की मांग आशा देवी ने कहा है कि इस घटना को सात साल हो चुके है और इस दौरान ऐसी घटनाएं और भी घटित हुई हैं. फिर भी कानून ऐसा क्यों रखा गया है कि मुजरिम बच जाए. उन्होंने कहा कि ये इतने दिनों से चुप बैठे थे. जैसे ही डेथ वारंट जारी हुआ, इन्हें सारी याचिकाएं याद आने लगीं. उन्होंने कहा कि फांसी की तारीख टालना ही इनका मकसद है.
2012 गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी: सात साल इस घटना को हो चुके हैं और इस दौरान ऐसी और भी धटनाएं हुईं फिर भी ऐसा कानून क्यों रखा गया है कि मुजरिम बच जाए। इतने दिनों तक ये चुप बैठे थे।जैसे ही डेथ वारंट जारी हुआ इन्हें सारी याचिकाएं याद आने लगीं। फांसी की डेट टालना ही इनका मकसद है pic.twitter.com/gzvGEdU1i9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 30, 2020