आत्महत्या के वृद्धि मामले में झारखंड देश में सातवें स्थान पर, प्रति लाख छह लोग अपनी जिंदगी से हो रहे निराश

राज्य में एक साल में  824  छात्रों ने  की आत्महत्या

आत्महत्या के वृद्धि मामले में झारखंड देश में सातवें स्थान पर, प्रति लाख छह लोग अपनी जिंदगी से हो रहे निराश

संस्थान के टेलीमेडिसिन सेंटर में भी 45 कॉल आये थे, यहां लोग 9471136697 पर फोन कर 24 घंटे ऑन कॉल की सुविधा ले सकते है. 14499 तथा 18003454060 पर कार्य अवधि के दौरान फ़ोन कर मनोवैज्ञानिक सलाह ली जा सकती है.

डेस्क: आप जैसे हैं वैसे ही सर्वश्रेष्ठ हैं, किसी की नकल ना करें. आप अपनी चिंता करें. लोग क्या कहेंगे, इसकी फिक्र ना करें. मनुष्य जीवन अनमोल है, इसे व्यर्थ ना गवायें. वर्तमान ही सबकुछ है. जिंदगी अभी और यही है. इसी क्षण में है. सुख-दुख कुछ भी नहीं ठहरता, यह भी बीत जायेगा. -ओशो

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस एक जागरूकता दिवस है जो हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य 2003 से दुनिया भर में विभिन्न गतिविधियों के साथ आत्महत्याओं को रोकने के लिए विश्वव्यापी प्रतिबद्धता और कार्रवाई प्रदान करना है।झारखंड में आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं चिंता की बात है. राजधानी (रांची) देश के उन पांच शहरों में शामिल हैं, वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में आत्महत्या के मामले (प्रतिशत में) बढ़े हैं. रांची से ऊपर वाराणसी, प्रयागराज, ग्वालियर और आगरा है. इसका जिक्र नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजे आंकड़े में है. राजधानी में वर्ष 2021 में 104 लोगों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2022 में यह आंकड़ा 187 तक पहुंच गया. यह वृद्धि करीब 79 फीसदी है. वहीं झारखंड में 2022 में 2181 लोगों ने आत्महत्या को, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 1825 था. जबकि बिहार में इस अवधि में सिर्फ 720 लोगों ने जिंदगी से हार मान ली. आत्महत्या के वृद्धि मामले (प्रतिशत में) में झारखंड पूरे देश में सातवें स्थान पर है. वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में करीब 19.5 फीसदी की वृद्धि हुई है, झारखंड में प्रति एक लाख आबादी पर 5.6 लोग आत्महत्या कर रहे हैं. हालांकि यह राष्ट्रीय औसत (12.4 फीसदी) नीचे है. 

आकड़ों के अनुसार झारखंड में ये आंकड़े चिंताजनक हैं -  

> आत्महत्या के वृद्धि मामले में (प्रतिशत) झारखंड देश में सातवें स्थान पर
> 2021 की तुलना में 2022 में आत्महत्या की दर राजधानी में 79 फीसदी बढ़ी
> राज्य में एक साल में  824  छात्रों ने  की आत्महत्या
>1080 अविवाहित तथा 973 विवाहित लोगों ने किया सुसाइड झारखंड में
> बेरोजगारी के कारण राज्य में 188 लोगों ने दी जान
> ड्रग और अल्कोहल  मामले में 87 लोगों ने आत्महत्या की
> संपत्ति विवाद में  राज्य में 43 लोगों ने सुसाइड किया
>  लव अफेयर्स मामले में 678 लोगों ने की आत्महत्या, इसमें 436 पुरुष और 242 महिलाएं
> एक्सट्रा मैरिटल अफेयर्स मामले में 131 ने अपनी जान दी
> परीक्षा में फेल होने पर 174 विद्यार्थियों ने की आत्महत्या
> बीमारी के कारण 201 लोगों ने किया सुसाइड 
> पारिवारिक विवाद के कारण 265 ने जान दी 
> रांची में लव अफेयर के कारण आत्महत्या 48 मामले 
> झारखंड में  वर्ष 2021 की तुलना में  करीब 19. 5 फीसदी की विद्धि हुई है। 

प्रति लाख में 6 लोगों की खुदकुशी की स्थिति चिंताजनक

 झारखंड में आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं चिंता की बात है. राजधानी (रांची) देश के उन पांच शहरों में शामिल हैं, वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में आत्महत्या के मामले (प्रतिशत में) बढ़े हैं. रांची से ऊपर वाराणसी, प्रयागराज, ग्वालियर और आगरा है. इसका जिक्र नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजे आंकड़े में है. राजधानी में वर्ष 2021 में 104 लोगों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2022 में यह आंकड़ा 187 तक पहुंच गया. यह वृद्धि करीब 79 फीसदी है. वहीं झारखंड में 2022 में 2181 लोगों ने आत्महत्या को, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 1825 था. जबकि बिहार में इस अवधि में सिर्फ 720 लोगों ने जिंदगी से हार मान ली. आत्महत्या के वृद्धि मामले (प्रतिशत में) में झारखंड पूरे देश में सातवें स्थान पर है. वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में करीब 19.5 फीसदी की वृद्धि हुई है, झारखंड में प्रति एक लाख आबादी पर 5.6 लोग आत्महत्या कर रहे हैं. हालांकि यह राष्ट्रीय औसत (12.4 फीसदी) नीचे है.

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पढ़ाई की उम्र में ही युवा जीवन से हो रहे निराश

वर्ष 2022 में झारखंड में 824 विद्यार्थियों ने आत्महत्या कर ली. प्रेम. प्रसंग में 678 लोगों ने अपनी जान दे दी, जिसमें 432 पुरुष और 242 महिलाएं शामिल हैं. राजधानी रांची में लव अफेयर्स से संबंधित आत्महत्या के 48 मामले दर्ज किये गये थे, जिसमें 36 पुरुष और 12 महिलाएं थीं. वहीं बेरोजगारी के कारण झारखंड के 188 लोगों ने अपनी जान दे दी. इसमें रांची में 13 मामले दर्ज किये गये थे. वहीं, नशे की लत के कारण झारखंड में 87 लोगों ने आत्महत्या की. इसमें 70 पुरुष और 17 महिलाएं हैं. वहीं परीक्षा में असफलता के कारण रांची में 31 विद्यार्थियों ने आत्महत्या कर ली थी. राजधानी में एक्सट्रा मैरिटल अफेयर्स के कारण भी 25 लोगों ने अपनी जान दे दी. वहीं शादी संबंधी विवाद के कारण पूरे राज्य में 356 और राजधानी में 51 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या करनेवालों में 1080 अविवाहित थे.

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रिनपास में औसतन रोजाना 8 लोगो ने फोन पर ली मदद

रिनपास के मोबाइल क्लिनिक हेल्पलाइन में पिछले एक वर्ष में 2814 कॉल आये. इसमें कई लोगों ने आत्महत्या की प्रवृत्ति बतायी, जिन्हें सलाह दी गयी. संस्थान के टेलीमेडिसिन सेंटर में भी 45 कॉल आये थे, यहां लोग 9471136697 पर फोन कर 24 घंटे ऑन कॉल की सुविधा ले सकते है. 14499 तथा 18003454060 पर कार्य अवधि के दौरान फ़ोन कर मनोवैज्ञानिक सलाह ली जा सकती है.

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Edited By: Nivedita Jha

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