आर्थिक सर्वे में रोजगार सृजन की रूपहली झलकियां, जानें अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर इसमें और क्या है?

नयी दिल्ली : आम बजट से एक दिन पहले आज संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया. आर्थिक सर्वे में देश में रोजगार सजन की अच्छी झलकियां पेश की गयी हैं. सरकार का अनुमान है कि अगले पांच साल में चार करोड़ नौकरियां सृजित होंगी, जिनमें अच्छा वेतन भी मिलेगा. वहीं, 2030 तक ऐसी नौकरियों के सृजन की संख्या आठ करोड़ तक हो जाएगी.

आर्थिक सर्वे में भारत को चीन जैसी आर्थिक रणनीति अपनाने की सलाह दी गयी है. इसके तहत श्रम आधारित क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने की जरूरत है. अमीर देशों के बाजार में निर्यात को बढावा देने और निर्यात नीति को अनुकूल बनाने का भी सुझाव दिया गया है.
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने की प्रेस कान्फ्रेंस
बाद में देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार डाॅ केवी सुब्रमणियन ने प्रेस कान्फ्रेंस कर आर्थिक सर्वे के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य मीडिया को बताया. 2019-20 के आर्थिक सर्वे में वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी छह से साढे छह प्रतिशत रहने का अनुमान पेश किया गया.
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आर्थिक सर्वे में बाजार को सक्षम बनाने, व्यवसाय अनुकूल नीतियों को प्रोत्साहन देने व अर्थव्यवस्था के विश्वास को मजबूत बनाने का जिक्र है. इसमें 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डाॅलर की बनाने का संकल्प भी है.
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2014 के बाद देश में नयी कंपनियों के गठन में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और इस पैमाने पर यह दुनिया में तीसरे स्थान पर है. इसमें सबसे अधिक कंपनियां सेवा क्षेत्र में गठित की गयीं हैं.
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