चाइल्ड ट्रैफिकिंग के खिलाफ कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन ने जागरूकता अभियान को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दिखायी हरी झंडी

अभियान का उद्देश्य लोगों में बच्चों की तस्करी को लेकर जागरूकता लाना
रांची : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को बाल दुर्व्यापार चाइल्ड ट्रैफिकिंग के खिलाफ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के जागरूकता अभियान को हरी झंडी दिखाकर लांच किया।

यह रैली राजभवन के गेट नंबर 1 से रवाना होकर अल्बर्ट एक्का चौक से सरकुलर रोड होते हुए मोरहाबादी मैदान स्थित महात्मा गांधी के स्मारक स्थल के समीप पहुँचा और वहां बापू को नमन करने के साथ इसका समापन हुआ।
गौरतलब है कि नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थ द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन बाल दुर्व्यापार, बाल श्रम के खिलाफ लंबे समय से जमीनी स्तर पर कार्य कर रहा है। इस क्रम में जन संवाद, अभियान, क्षमता निर्माण व नीति निर्माण में सहयोग के जरिये देश के कोने कोने से बाल दुर्व्यापार व बाल श्रम को समाप्त करने की पहल की जा रही है।
चूंकि झारखंड से बाल दुर्व्यापार की खबरें हमेशा सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं, इस लिहाज से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन झारखंड के गढ़वा, पलामू, लातेहार, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, देवघर, गिरिडीह जिलों में जागरूकता, ट्रेफिकर्स की पहचान, बच्चों को उनके चंगुल से मुक्त कराने तथा उनके पुनर्वास आदि हेतु कार्य करने को प्रतिबद्ध है।
इस अभियान की शुरुआत वर्ष 1997 में हुई और तब से लेकर आज तक यह बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार व अन्य शोषण के खिलाफ जन जागरूकता कर बच्चों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। खासकर अधिक बाल दुर्व्यापार वाले क्षेत्रों में इस अभियान के कार्यकर्ताओं की सक्रियता अद्वितीय रही है।
वर्ष 2019-20 के दौरान इस अभियान को बाल दुर्व्यापार से सर्वाधिक प्रभावित 10 राज्यों. बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्यप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र में तेज गति दी गयी। अबतक इस अभियान से 1 लाख से अधिक हितधारकों को जोड़ा जा चुका है और लगभग 1000 से अधिक जन जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। इस क्रम में स्थानीय प्रशासन, नीति निर्माताओं, पंचायतों, वार्डों, लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों समेत बच्चों के माता-पिता को भी अभियान से जोड़ा गया है। गाँव-गाँव जाकर बाल श्रम और बाल दुर्व्यापार के दुष्प्रभावों व इसके रोकथाम के बारे में लोगों को निरंतर जागरूक किया जाता रहा है। इस अभियान का एक मात्र उद्देश्य है राज्य एवं देश से बाल दुर्व्यापार व बाल श्रम का सफाया।