अंगिका, मगही, मैथली और भोजपुरी झारखण्ड की क्षेत्रीय भाषा नहीं- जेपीएससी

अंगिका, मगही, मैथली और भोजपुरी झारखण्ड की क्षेत्रीय भाषा नहीं- जेपीएससी

रांची डेस्क: राज्य के झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लिये जाने वाले परिक्षाओं में अंगिका, मगही, मैथली और भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा के रुप में शामिल करने की मांग लगातार उठ रही है। इसी के बाबत कांग्रेस विधायक दीपिका पाण्डेय ने विधानसभा में तारंकित पत्र के माध्यम से इस मुद्दे को सरकार के समक्ष लाया है।

दीपिका ने पूछा कि गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, देवघर, जामताड़ा, रांची आदि में अंगिका, भूमिज एवं मैथली भाषा का प्रयोग प्रमुख्ता से होता रहा है। साथ ही मगही तथा भोजपुरी भाषा पलामू, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो में बहुतायत में बोली जाती हैं। तो इन्हें विभाग द्वारा लिये जाने वाले परिक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा की संज्ञा क्यूँ प्राप्त नहीं हो रही है।

इसपर जेपीएससी द्वारा साफ कर दिया गया है कि झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लिये जाने वाले परिक्षाओं के लिये चिन्हित 12 क्षेत्रीय भाषाओं के अतिरिक्त कोइ अन्य भाषा इस सूची में नहीं जोडी जाएगी।

Edited By: Samridh Jharkhand

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