बिरसा कृषि विश्वविद्यालय केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय बने- मंत्री बादल
रांची: कृषि मंत्री बादल ने कहा कि झारखण्ड आदिवासी बहुल राज्य है। इनके हितों की रक्षा एवं कृषि विकास हेतु पक्ष एवं विपक्ष के संयुक्त प्रयास से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। वे आज बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे।
इस अवसर पर पशु चिकित्सा संकाय में भवनों का उद्घघाटन एवं शिलान्यास किया गया साथ ही विवि के मृत कर्मियों के 22 आश्रितों को अनुकंपा पर आधारित नियुक्ति – पत्र प्रदान किया गया। बादल ने कहा कि विभागीय स्तर पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। जिसके परिणाम जल्द देखने को मिलेंगे।
आज रांची कृषि महाविद्यालय सभागार में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र वितरण समरोह में।@prdjharkhand @HemantSorenJMM @nisha_singhmarr @INCJharkhand @RahulGandhi @SinghRPN pic.twitter.com/xnvULvN0oo
— BADAL (@Badal_Patralekh) September 11, 2021
बादल ने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की भूमिका राज्य में कृषि विकास के क्षेत्र में अविस्मरणीय रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों की दशा और दिशा बदलने में बीएयू की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। मंत्री ने कहा कि राज्य का विकास एवं दिशा कृषि से ही बदलेगा। देश के जीडीपी में कृषि का औसत योगदान 17 प्रतिशत और राज्य के जीडीपी में कृषि का औसत योगदान 12 प्रतिशत मात्र है। उन्होंने कहा कि केंद्र में कृषि का बजट मात्र 7 प्रतिशत एवं राज्य में 5 प्रतिशत है। इसमें सुधार की आवश्यकता है।
कृषि विभाग एवं विश्वविद्यालय हरेक स्तर पर अधिकाधिक बिरसा किसानों को कृषि तकनीकी से जागरूक एवं समृद्ध करें। कृषि उत्पादों का किसानों को मुनासिब मूल्य मिले, प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्रों को 5 हजार किसानों को जागरूक एवं आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करने की सलाह दी।
कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक ने कहा कि राज्य में पिछले वर्ष सबसे अधिक उत्पादन हुआ। दलहन उत्पादन के मामले में राज्य अग्रणी है। राज्य कृषि विकास में बीएयू की अग्रणी भूमिका रही है। विवि को पशुपालन, मत्स्य एवं वानिकी तकनीकी के क्षेत्र में विशेष ध्यान देना होगा।
इस अवसर पर कृषि मंत्री बादल ने राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान के अधीन निर्मित पशु उत्पादन, प्रबंधन एवं निर्देशात्मक पशुधन फार्म भवन, 350 छात्रों की क्षमता वाली परीक्षा भवन तथा बड़ा एवं छोटा पशु प्रयोग गृह का उद्घघाटन किया। इसके साथ ही पशु चिकित्सा संकाय में आधुनिक पशु जाँच एवं अत्यपरीक्षण प्रयोगशाला केंद्र का शिलान्यास भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने “गो-पालन : एक नया आयाम” नामक पुस्तक का विमोचन किया।
कार्यक्रम में सांसद संजय सेठ, विधायक समरीलाल, पूर्व मंत्री गीताश्री उराँव, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक, कृषि निदेशक निशा उराँव, पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा, कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह एवं विवि के डीन, डायरेक्टर, प्रोफ़ेसर, स्टाफ एवं किसान आदि मौजूद थे।