चुनाव चिन्ह बदले जाने पर भड़के जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष
रांची: बिहार विधानसभा को लेकर चुनाव आयोग ने कमर कस ली है. मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर और नवम्बर के महीने में बिहार में चुनाव होने की संभावना है. इसी बीच चुनाव आयोग ने 12 रजिस्टर्ड पार्टियों के बीच चुनाव चिन्ह आवंटित किया.
आपको बता दें कि जीतन राम मांझी को चुनाव आयोग ने कड़ाही छाप चुनाव चिन्ह दिया, वहीं पप्पू यादव को कैंची छाप चुनाव चिन्ह मिलने पर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.
जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव लगातार बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि साजिश के तहत उनका चुनाव चिह्न बदला गया है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी के इशारे पर चुनाव चिन्ह छीना गया है.
भाजपा बिहार में घबरा गई है
जन अधिकार पार्टी के बढ़ते असर से डर गई।
षड्यंत्र कर हमारा चुनाव चिन्ह बदलवा दिया।लेकिन यह नया चुनाव चिन्ह #कैंची कमल को कुतर बीजेपी के जनाधार को काट, बनाएगी रोजगार देने वाला नया बिहार!
— Sewak Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) September 16, 2020
पप्पू यादव ने कहा है कि हॉकी बॉल चुनाव चिन्ह सबके जेहन में था. मैं कैंची से सब की बदजुबान काटूंगा. कैंची से ही लोगों की समस्याओं से मुक्ति दिलाऊंगा. आपराधिक तत्वों पर कैंची चलेगी. साथ ही पप्पू यादव ने लालू यादव से अपील की है कि वो अपने दल के किसी दलित या कुशवाहा को सीएम पद का नाम घोषित करें.
साथ ही उन्होंने कांग्रेस से भी अपील की है कि एलजेपी से पार्टी बात करे. वहीं, दरभंगा में एम्स बनाने पर पप्पू यादव ने कहा कि चुनाव के पहले इस तरह का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बंद करना चाहिए.
साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले बिहार की जीएसटी के 1 लाख 60 हजार रुपये पहले दे दे लेकिन इस पर वो चुप है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार के पास पैसे नहीं है. कर्मियों के वेतन और पेंशन के लिए पैसे बिहार सरकार के पास नहीं हैं. इस पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार को स्पष्ट बयान देना चाहिए.