एमिटी यूनिवर्सिटी, हिंदी दिवस के माध्यम से नई शिक्षा नीति पर की गई परिचर्चा

एमिटी यूनिवर्सिटी, हिंदी दिवस के माध्यम से नई शिक्षा नीति पर की गई परिचर्चा

रांचीः एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड, सरला बिरला यूनिवर्सिटी, झारखंड राय यूनिवर्सिटी के तत्वाधान में ऑनलाइन हिंदी दिवस का आगाज किया गया. हिंदी दिवस के माध्यम से नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को इस से कितना लाभ होगा इस को लेकर चर्चा की गई. इस चर्चा का मुख्य विषय नई शिक्षा नीति को छात्रों को समझाना एवं बताना था.

ये-ये लोग हुए परिचर्चा में शामिल

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर पंकज मित्तल( महासचिव भारतीय विश्वविद्यालय संघ) अतिथि के रूप में डॉक्टर रमन कुमार झा (वाइस चांसलर एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड) डॉक्टर सविता सिंगल (वाइस चांसलर झारखंड राय यूनिवर्सिटी) डॉ.अजीत कुमार पांडे (निदेशक एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड) डॉ. विजय कुमार सिंह (रजिस्टर सरला बिरला यूनिवर्सिटी रांची) डॉक्टर जंग बहादुर पांडे (पूर्व हिंदी विभागीय अध्यक्ष रांची यूनिवर्सिटी) थे.

नई शिक्षा नीति पर बोले डॉ. पंकज मित्तल

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. पंकज मित्तल ने सभा को संबोधित करते हुए एवं नई शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि अब छात्र किसी भी विश्वविद्यालय से अपने विभिन्न विषयों को अध्ययन कर सकते हैं, साथ ही साथ अगर उनके पाठ्यक्रम में कोई भी विषय वे चाहें तो किसी भी अन्य विश्वविद्यालय से ज्ञान
आसानी से अर्जित कर सकते हैं.

एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड के वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ.रमन कुमार झा ने कहा की शिक्षा शब्द का दिव्य अर्थ: शिक्षा सम्बन्धी नीति वचनों में तथा ईश्वरीय वाणी है शिक्षा और जीवन के सम्बंध में जो व्यवहारिक जीवन-सत्य व्यक्त हुआ है, वह अंग्रेजी भाषा के एज्युकेशन (Education) शिक्षा शब्द के नौ अक्षरों द्वारा भी अभिव्यक्त किया जा सकती है.

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E-Etiquette (शिष्टाचार)
D- Discipline (अनुशासन)
U- Universal Brotherhood (विश्व बंधुत्व)
C- Creativity (रचनात्मकता /सृजनात्मकता)
A- Awareness (जागृति)
T- Transformation (रूपांतरण)
I – Integrity (एकात्मकता)

O – Optimist (आशावादी)
N – Nobility (सौजन्य -सज्जनता)

अपने दैनिक जीवन में करें हिन्दी भाषा का प्रयोग
डॉक्टर सविता सिंगर(वाइस चांसलर झारखंड राय यूनिवर्सिटी) ने हिंदी भाषा पर विशेष बल देते हुए कहा कि हमें हिंदी को विशेष दर्जा देना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि हिंदी भाषा का प्रयोग हम अपने जीवन काल में करें जो कि हमारी मातृभाषा भी है. डॉ विजय कुमार सिंह (रजिस्ट्रार सरला बिरला यूनिवर्सिटी) ने कहा न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत उच्च शिक्षा में हिंदी भाषा का उपयोग करना बड़ा महत्वपूर्ण है.

डॉक्टर जंग बहादुर पांडे (पूर्व हिंदी विभागीय अध्यक्ष रांची यूनिवर्सिटी) ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भले ही शिथिल गति से चल रही हो परंतु हिंदी भाषा का भविष्य बड़ा उज्जवल है और हमें हिंदी भाषा का प्रयोग अपने जीवन में करना चाहिए.

एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड के निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजीत कुमार पांडे ने कहा कि शिक्षा ज्ञान देने की वाणी है और शिक्षा सभी के लिए ग्रहण करने योग्य है. हिंदी दिवस में उन्होंने यह भी कहा की हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है और आज के इस दौर में क्रमबद्ध हिंदी भाषा कम बोली जा रही है. यह एक सोचनीय विषय है.

Edited By: Samridh Jharkhand

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