मेडिकल कॉलेज की आधारभूत संरचना ठप, ट्रांसफर पोस्टिंग की उद्योग मस्त : दीपक प्रकाश

रांची: हेमंत सरकार और केंद्र सरकार के बीच तकरार और भी बढ़ती जा रही है. बीते दिनों डीवीसी के बकाया राशि 1417 करोड़ रुपये काट जाने पर हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) अभी तक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है. वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज में नामांकन (Enrollment in medical college) की मंजूरी नहीं मिलने पर सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि एनएमसी के द्वारा पलामू, दुमका और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज (Palamu, Dumka and Hazaribagh Medical College) की मान्यता समाप्त करने में जुटी है केंद्र सरकार.

इधर बीजेपी राजसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश (State President Deepak Prakash) ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा अपनी नाकामी को छिपाने के लिए हेमंत सरकार केंद्र पर दोष मढ़ रही है. राज्य सरकार की लापरवाही के कारण मेडिकल कालेजों (Medical colleges) का कार्य समय पर पूरा नहीं होना. नामांकन की अनुमति नहीं मिलने को लेकर जिम्मेवार है.
तीनों मेडिकल कॉलेज का आधारभूत सरंचना
अधूरा राज्य के तीनों नए मेडिकल कॉलेज दुमका पलामू और हजारीबाग के आधारभूत सरंचना का कार्य अधूरा है. राज्य की सरकार खुद को घिरते देख अपनी सारी जिम्मेवारी केंद्र पर मढ रहा हैं. मोदी सरकार राज्य को तीन नए मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ सीटों की संख्या बढ़ाई. परन्तु प्रदेश में बीजेपी सरकार बदलते ही कॉलेज के निर्माण कार्य ठप पड़ गए.
300 मेडिकल सीटों पर नामांकन की अनुमति नहीं
कॉलेजों में नामांकन की अनुमति केंद्र नहीं बल्कि आईएमसी देती है. इंडियन मेडिकल काउंसिल (Indian Medical Council) ने कई बार रांची स्थित रिम्स पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि राज्य में डॉक्टरों का घोर अभाव है. मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज निर्माण में सुस्ती दिखाई इसका परिणाम है कि 300 मेडिकल सीटों पर नामांकन की अनुमति मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नहीं दी.
हेमंत सोरेन की सरकार दिशाहीन
सरकार का ध्यान आधारभूत संरचना को पूरा करने के बजाए ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग (Transfer posting industry) चलाने में है. विकास विरोधी सरकार में राज्य का भला कभी नहीं हो सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में विकास कार्य ठप पड़ा हुआ है. अपराधियों और उग्रवादियों (Criminals and extremists) का तांडव राज्य में जारी है. व्यवसायी वर्ग परेशान हैं. राज्य की बहू बेटियां खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है और इसके जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ हेमंत सोरेन की दिशाहीन सरकार है.