Koderma News: दहेज रहित विवाह बना प्रेरणा का श्रोत, शिव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा सह नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न
परिवार ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ दिया एक मजबूत संदेश
महायज्ञ के दौरान एक बिना दहेज की शादी भी संपन्न हुई, जो समाज के लिए प्रेरणा का श्रोत बना. यह विवाह सतगांवा निवासी प्यारेलाल वर्मा और झुमरी तिलैया निवासी राशिका वर्मा के बीच हुआ.
कोडरमा: अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में आयोजित शिव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा सह नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ 21 से 24 नवंबर तक अनूठी छाप छोड़ी. इन चार दिनों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और प्रवचनों ने लोगों को आध्यात्मिक प्रेरणा दी. इस आयोजन में बिहार और झारखंड से गायत्री परिवार के अनेक सदस्य शामिल हुए. महायज्ञ के दौरान एक बिना दहेज की शादी भी संपन्न हुई, जो समाज के लिए प्रेरणा का श्रोत बना. यह विवाह सतगांवा निवासी प्यारेलाल वर्मा और झुमरी तिलैया निवासी राशिका वर्मा के बीच हुआ.
शादी मात्र चार घंटे में हवन कुंड के समक्ष हुआ संपन्न
गायत्री परिवार की सदस्य स्मृति वर्मा ने बताया कि दिन में आयोजित शादी का मुख्य उद्देश्य सभी रीति-रिवाजों को विधिपूर्वक संपन्न करना है. रात्रि में होने वाली शादियों में तामझाम और बैंड-बाजे के बीच सगे-संबंधी भी शादी के महत्व को गंभीरता से नहीं ले पाते. वहीं दिन में होने वाली यह शादी सरलता और सादगी का उदाहरण है, जिसमें कम खर्च में ही सभी रस्में पूरी हो जाती हैं.
झुमरी तिलैया के गायत्री मंदिर में भी होती हैं सादगीपूर्ण शादियां
गायत्री मंदिर झुमरी तिलैया में भी केवल 2100 रुपये में शादी कराई जाती है. मंदिर के मुख्य ट्रस्टी ईश्वर साव ने बताया कि दूल्हा-दुल्हन के बीच विवाह का एग्रीमेंट कराया जाता है, जिसमें दोनों के दायित्व स्पष्ट होते हैं. मंदिर प्रांगण में परिवार के ठहरने के लिए 4-5 कमरे और हॉल की व्यवस्था भी सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाती है.
शादी की गाइडलाइंस के अनुसार वर की उम्र 21 वर्ष और वधु की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए. इसके लिए दोनों पक्षों से संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य है.
गायत्री परिवार में विवाह की यह पारंपरिक और सादगीपूर्ण प्रक्रिया दहेज रहित समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. विवाह को पवित्र संस्कार मानने वाले इस परिवार ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है.